पटना स्मार्ट सिटी के अंतर्गत बनाई जा रही पटना मेट्रो का कार्य अब तेज़ी पकड़ रहा है। पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के विस्तारीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए जिला प्रशासन ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। अधिसूचना में स्पष्ट रूप से संबंधित भूमि के क्रय-विक्रय अथवा अन्य कोई विवाद से संबंधित कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है। उम्मीद है कि छह महीने के अंदर सारा काम पूरा कर लिया जाएगा। और अब एक बड़ी खबर यह सामने आ रही है कि प्रदेश सरकार ने पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर 500 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। मुआवजे के लिए स्वीकृत राशि को बिहार शहरी विकास अभिकरण (बुडा) के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया गया है. यह राशि बुडा द्वारा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को उपलब्ध करायी जाएगी।
मलाही पकड़ी के पास मेट्रो का पहला पिलर खड़ा होने की कगार पर
इसके लिए कुल 75.945 एकड़ सरकारी व रैयती जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसमें 50.59 एकड़ जमीन पहाड़ी मौजा जबकि 25.35 एकड़ जमीन रानीपुर मौजा की है। बता दें कि पटना मेट्रो का निर्माण जारी है। मलाही पकड़ी के पास मेट्रो का पहला पिलर भी अब खड़ा होने वाला है। मेट्रो स्टेशन के लिए जिला प्रशासन द्वारा मलाही पकड़ी में जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराकर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को हस्तांतरित भी करा दिया गया है।
कर्ज का रास्ता होगा साफ
मालूम हो कि आइएसबीटी डिपो के लिए जमीन अधिग्रहण का काम शुरू होते ही जाइका (जापान इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन) से कर्ज मिलना भी आसान हो जाएगा। जाइका से कर्ज के लिए पटना मेट्रो के पास न्यूनतम एक हजार करोड़ का एसेट यानी संपत्ति होनी जरूरी थी। जमीन अधिग्रहण के बाद एक हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति मेट्रो के पास हो जाएगी। जाइका से कर्ज मिलने के बाद भूमिगत स्टेशनों के लिए खोदाई आदि का काम भी शुरू होगा।