बिहार सरकार राज्य के सरकारी कर्मचारियों को 15 अगस्त से पहले एक बड़ा तोहफा दे सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो बिहार सरकार की कैबिनेट में सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को बढ़ाएं जाने पर मुहर लग सकती है। राज्य के करीब 4 लाख कर्मचारियों का डीए बढ़ाया जा सकता है।
ऐसा कहा जा रहा है कि इसको लेकर तैयारी भी शुरू कर दी गई है। अगर इस फैसले पर मुहर लग जाती है तो राज्य के कर्मियों को 1 जुलाई 2021 के प्रभाव से बढ़ा हुए मंहगाई भत्ता(डीए) मिलेगा। मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार डीए बढ़ाने के प्रस्ताव को वित्त विभाग अंतिम रूप देने की तैयारी में लगा हुआ है।
कहा जा रहा है कि इस बार जो कैबिनेट की बैठक होगी उसमें इस प्रस्ताव को मंजूर किया जा सकता है। इस प्रस्ताव पर हामी मिलने के बाद बिहार के सरकारी कर्मचारियों को 28 फ़ीसदी डीए का लाभ मिलेगा। डीए के भुगतान के साथ कर्मियों को जुलाई महीने का एरियर भी दिया जाएगा।
इससे पहले केंद्र सरकार के तरफ से केंद्रीय कर्मियों के लिए 28 फीसदी डीए देने की घोषणा की गई थी। अब बिहार में भी इस फैसले को लागू करने की कवायद शुरू कर दी गई है। यदि बिहार में सरकारी कर्मचारियों के डीए बढ़ाने के फैसले को मंजूरी दी जाती है तो इससे राज्य के खजाने पर करीब ढाई हजार करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय बोझ आ जायेगा। हालांकि इससे राज्य के करीब 4 लाख कर्मियों को सीधा फायदा पहुंचेगा।
इस संबंध में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और मौजूदा समय में राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने लिखा था कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों का महंगाई भत्ता 1 जुलाई से 11 फीसद बढ़ने पर बिहार सरकार का अनुमानित अतिरिक्त व्यय 2256.25 करोड़ रुपये होगा. यह राशि आठ महीने के भुगतान पर खर्च होगी.
ऐसा कहा जा रहा है कि इसको लेकर तैयारी भी शुरू कर दी गई है। अगर इस फैसले पर मुहर लग जाती है तो राज्य के कर्मियों को 1 जुलाई 2021 के प्रभाव से बढ़ा हुए मंहगाई भत्ता(डीए) मिलेगा। मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार डीए बढ़ाने के प्रस्ताव को वित्त विभाग अंतिम रूप देने की तैयारी में लगा हुआ है।
कहा जा रहा है कि इस बार जो कैबिनेट की बैठक होगी उसमें इस प्रस्ताव को मंजूर किया जा सकता है। इस प्रस्ताव पर हामी मिलने के बाद बिहार के सरकारी कर्मचारियों को 28 फ़ीसदी डीए का लाभ मिलेगा। डीए के भुगतान के साथ कर्मियों को जुलाई महीने का एरियर भी दिया जाएगा।
इससे पहले केंद्र सरकार के तरफ से केंद्रीय कर्मियों के लिए 28 फीसदी डीए देने की घोषणा की गई थी। अब बिहार में भी इस फैसले को लागू करने की कवायद शुरू कर दी गई है। यदि बिहार में सरकारी कर्मचारियों के डीए बढ़ाने के फैसले को मंजूरी दी जाती है तो इससे राज्य के खजाने पर करीब ढाई हजार करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय बोझ आ जायेगा। हालांकि इससे राज्य के करीब 4 लाख कर्मियों को सीधा फायदा पहुंचेगा।
इस संबंध में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और मौजूदा समय में राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने लिखा था कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों का महंगाई भत्ता 1 जुलाई से 11 फीसद बढ़ने पर बिहार सरकार का अनुमानित अतिरिक्त व्यय 2256.25 करोड़ रुपये होगा. यह राशि आठ महीने के भुगतान पर खर्च होगी.
इससे पहले बिहार में वर्ष 2019 के अक्टूबर महीने में राज्य के सरकारी कर्मचारियों का डीए बढ़ाया गया था। उस दौरान बिहार की नीतीश सरकार ने राज्य कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते में 5 फीसदी का इजाफा करते हुए उसे 12 फीसदी से 17 फीसदी किया था।