बारिश और नेपाल से आनेवाली नदियों में उफान से उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। पश्चिम व पूर्वी चम्पारण के साथ-साथ शिवहर और सीतामढ़ी में कई ग्रामीण सड़कों पर आवागमन ठप है। सिकरहना की बाढ़ के कारण मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज रेल खंड पर रविवार दोपहर से ट्रेनों का परिचालन बाधित हो गया है। सुगौली जंक्शन पर रेलवे ट्रैक पर भी बाढ़ का पानी चढ़ गया है। पूर्वी चम्पारण के दस प्रखंड की एक लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से परेशान है। सुगौली प्रखंड व अंचल कार्यालय, थाना से लेकर शहर के कई मोहल्लों में सिकरहना का पानी प्रवेश कर जाने से लोगों में त्राहिमाम की स्थिति है। शिवहर में बागमती पर बने सुरक्षा बांध के टूटने से पानी दस से अधिक गांवों में तबाही मचा रही है। शिवहर शहर के निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। सीतामढ़ी में बागमती के बाद अब मनुषमरा और लखनदेई जैसी छोटी नदियां भी तबाही मचाने लगी हैं। सीतामढ़ी-सुरसंड, परिहार-भीसवा पथ में डायवर्सन टूटने से आवागमन ठप है। मधुबनी में कमला बलान के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से झंझारपुर सहित कई इलाकों पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। इधर, दरभंगा जिले की सभी नदियों के जलस्तर में वृद्धि क्रमश: जारी है।
परिवर्तित मार्ग से चल रही है ये ट्रेनें:
- ट्रेन संख्या 02557 मुज़फरपुर-आनंद विहार स्पेशल को वाया मुज़फरपुर- छपरा होकर,
- ट्रेन संख्या 09039 बांद्रा – बरौनी स्पेशल वाया कप्तानगंज- छपरा- मुज़फरपुर होकर,
- ट्रेन संख्या 09269 पोरबंदर- मुज़फरपुर स्पेशल वाया कप्तानगंज- छपरा – मुज़फ्फरपुर होकर,
- ट्रेन संख्या 05274 आनंद विहार-रक्सौल स्पेशल वाया पनियहवा-नरकटियागंज-रक्सौल होकर,
- ट्रेन संख्या 05212 अमृतसर-दरभंगा स्पेशल वाया गोरखपुर कैंट-छपरा-मुजफ्फरपुर होकर,
- ट्रेन संख्या 09270 मुजफ्फरपुर-पोरबंदर स्पेशल वाया छपरा-सीवान-भटनी होकर,
- ट्रेन संख्या 05002 देहरादून-मुजफ्फरपुर स्पेशल वाया नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी होकर परिचालित की जा रही है। उपरोक्त मार्ग परिवर्तन केवल रविवार के लिए प्रभावी है।
पूर्वी चम्पारण के दस प्रखंड की आबादी झेल रही बाढ़:
पूर्वी चम्पारण के सुगौली व बंजरिया के साथ-साथ अरेराज, पताही, मधुबन, फेनहारा, ढाका, आदापुर, केसरिया व तुरकौलिया प्रखंड में बाढ़ ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। बंजरिया में तिलावे नदी के टूटे बांध से एक दर्जन से अधिक गांवों में पानी फैल गया है। सुगौली प्रखंड के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र पूर्ण रूप से बाढ़ की चपेट में हैं। डुमरिया घाट में गंडक नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। चटिया में गंडक नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। बूढ़ी गंडक नदी के लाल बेगिया सिकरहना व अहिरौलिया में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। लाल बकेया गुवाबारी में बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है।
गौनाहा के दोमाठ घाट पर बना पंडई नदी का गाइड बांध टूटा:
पश्चिम चम्पारण में बारिश थमने से लोगों को थोड़ी राहत मिली है। हालांकि नदियों में उफान कम होने से कटाव भी तेज हो गया है। गौनाहा के दोमाठ घाट पर बने पुल को बचाने के लिए बनाया गया गाइड बांध 20 फुट में टूट गया। पंडई नदी की तेज धार में गाइड बांध बह गया। लौरिया-नरकटियागंज, बेतिया-लौरिया, बेतिया-मैनाटांड़ पथ पर रविवार को भी सिकरहना का पानी बहने से आवागमन ठप रहा। लौरिया के शेखटोली मार्ग के बरवा मोड़ के समीप नाव पलट गई। हालांकि इसपर सवार सभी दो दर्जन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
शिवहर शहर के निचले इलाके में घुसा बागमती का पानी:
बागमती में उफान जारी रहने से शिवहर जिले के नए क्षेत्रों में बाढ़ का पानी फैल रहा है। अब तक तीन प्रखंडों के एक दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बागमती तटबंध की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन ने दंडाधिकारियों के नेतृत्व में जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती की है। शिवहर शहर के निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। शिवहर- पिपराही- रीगा- सीतामढ़ी पथ पर पेट्रोल पंप के पास सड़क के ऊपर से पानी का बहाव शुरू हो गया है। इस बीच बेलवा के पास टूटे सुरक्षा तटबंध की मरम्मत का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। जल संसाधन विभाग एवं जिला प्रशासन के अधिकारी वहां कैंप किए हुए हैं। डीएम सज्जन राज शेखर भी लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं।
सीतामढ़ी में बागमती नदी सभी जगह खतरे के निशान से ऊपर:
सीतामढ़ी जिले के ढेंग, सोनाखान व डुब्बाघाट, चंदौली व कटौझा में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से उपर पहुंच गया है। मनुषमरा नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है। कई पंचायतों की सड़कों पर पानी चढ़ जाने से आवागमन में परेशानी हो रही है। बागमती नदी की बाढ़ का पानी दरियापुर- मौलानगर सड़क पर चढ़ जाने से सड़क टूट गयी है। बाढ़ का पानी डुमरा, नुनौरा, दरियापुर, मौला नगर, मारर, सोली, ओलीपुर आदि गांव में प्रवेश कर गया है। लोग ऊंचे स्थल पर शरण ले रहे हैं। बागमती नदी का जलस्तर चंदौली घाट में खतरे के निशान से 75 सेमी, ढेंग में एक मीटर, सोनाखान में 84 सेमी, डुब्बाघाट में डेढ़ मी व कटौझा चार मीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।