सोमवार की सुबह जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने पटना के पीएमसीएच कैंपस में पहुंचकर धरना शुरू कर दिया है। बता दें कि बिहार के सभी सरकारी कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर और एमबीबीएस के इंटर्न सोमवार से अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इससे राज्य के सभी बड़े सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो रही हैं।
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन से सरकार केसामने अपनी पांच मांगें रखी हैं, जो निम्न हैं;
कोविड की दूसरी लहर में जो प्रोत्साहन राशि दी जानी थी वो अब तक नहीं मिली, उस दिशा में पहल हो।
इंटर्न के स्टाइपेंड में वृद्धि की जाए।
बॉन्ड में स्टडी लीव के प्रावधान को नियमावली में शामिल किया जाए।
नीट पीजी काउंसलिंग जल्द हो, इसके लिए बिहार सरकार केंद्र सरकार से पहल करे।
नीट पीजी में देरी से उत्पन्न डॉक्टर की कमी को दूर करने के लिए नॉन एकेडमिक जूनियर रेजिडेंट का बहाली हो।
पीएमसीएच सहित राज्य के नौ बड़े सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं हुई ठप
बता दें कि पटना के पीएमसीएच, दरभंगा के डीएमसीएच, मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच समेत बिहार के नौ बड़े सरकारी अस्पतालों पर इसका असर पड़ रहा है। जूनियर डॉक्टरों ने पांच सूत्री मांगों को लेकर ओपीडी के साथ-साथ इमरजेंसी और सर्जरी में भी योगदान नहीं दने का निर्णय लिया है।