बिहार राज्य में भूमि के सुधार के साथ साथ भूमि से संबंधित सभी विवादों के निपटारे के लिए राज्य सरकार ने एक नई पहल की है है। भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग द्वारा बिहार में एक नई कानून व्यवस्था बनाई गई है। जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है की बनाये गए नए कानून से अब बिहार में प्लॉट के नक्शे के साथ ही म्यूटेशन की अनिवार्यता वाला नया कानून लागू किया जा चूका हैं।
याचिका में प्लॉट का नक्शा भी करना होगा शामिल
इस कानून के लागु होने के बाद से अब बिहार राज्य में जमीन की म्यूटेशन कराने पर आवेदक की याचिका में उनके हिस्से के प्लॉट का नक्शा भी शामिल रहेगा, और एक ही जमीन में कई लोगो के हाथों से नहीं बची जा सकेगी, जिससे की सूबे में मुकदमा और झड़प की गुंजाइस लगभग खत्म हो सकती है।
यह है नया नियम
जानकारी के लिए बता दे की आवेदक किसी भी प्लॉट का म्यूटेशन कराता है, तो उसे आवेदन में आवेदक के हिस्से के प्लॉट का नक्शा भी शमिल करना ही होगा। वही उसे प्लॉटका खाता, खेसरा और रकबा के साथ ही चौहद्दी का भी जिक्र सफाई से करा होना चाहिए। यहां तक की प्लॉट के नक्शे के साथ ही म्यूटेशन भी लगा होना चाहिए। बिहार राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार को विभाग जिला स्तर पर जानकारों का पैनल भी बनाने की तैयारी की जा रही है, और ऐसी में एजेंसियों की सहायता से ही ये काम जल्द किया जा सकता है।