सर्वोच्च न्यायालय ने हटाया बालू खनन पर से रोक
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बिहार में नदियों से बालू खनन पर रोक हटा दी गई है । रोक हटाते ही खनन विभाग हरकत में आती दिख रही है । मंत्री जनक राम और खनन विभव के अधिकारियों कोर्ट के आदेश का अध्ययन में में जुटे हुए हैं और दावा किया है कि ये 6 हफ्ते में बिहार के जिलो में लागू किया जाएगा । बता दें कि कई जिलों में खनन शुरू होने से बालू की कीमत में गिरावट आ सकती है । वहीं, नए सिरे से घाटों की बंदोबस्ती करने का निर्णय भी लिया गया है ।
6 हफ्ते में की जाएगी प्रक्रिया पूरी
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद मंत्री जनक राम ने जानकारी दी है कि जिलों में सर्वे के लिए समिति बनाई जाएगी और उसमें डीएम, प्रदूषण नियंत्रण विभाग, सिंचाई विभाग, वन विभाग और खनन विभाग के अधिकारी शामिल किए जाएंगे। 6 हफ्ते में सारी नए सिरे से घाटों की बंदोबस्ती की रिपोर्ट , समिति द्वारा तैयार किया जाएगा, फिर यह रिपोर्ट राज्य विशेषज्ञ संस्तुति समिति के पास भेजी जाएगी। यहां भी छह हफ्ते तक इसकी जांच की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके बाद रिपोर्ट राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकार को सब जांच की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जांच की सारी जानकारी दी जाएगी और 6 हफ्ते का रिपार्ट दिया जाएगा । यहां से छह हफ्ते में मंजूरी मिलने के बाद नए सिरे से जिलों में ठीकेदारों का चयन किया जाएगा और तब खनन की प्रक्रिया शुरू होगी।
बालू के दामों में आएगी गिरावट
अभी बिहार के 8 जिलों में खनन का कार्य चालू है । पटना समेत जमुई,लखीसराय,सारण, रोहतास, औरंगाबाद, गया,और भोजपुर में जल्द खनन शुरू करने के लिए ठेकेदारों का चयन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अनुमान है कि अगले महीने से 16 जिलों से खनन शुरू हो जाएगा। तब बालू का संकट नहीं रहेगा। इसके अलावा बालू के दाम मे भी गिरावट की जा रही है। 3900 से लेकर साढ़े चार हजार रुपये प्रति सौ सीएफटी कीमत रखने का प्रयास होगा। कोशिश है बालू का संकट जल्द खत्म किया जाए। जबकि अगले वर्ष से 24 जिलों की नदियों से खनन होने की सम्भावना है।