बिहार की हवा दिन-प्रतिदिन दूषित ही होती जा रही है। हवा में लगातार धूल-कण की मात्रा तय मानक से काफी अधिक पाई जा रही है। बीते रविवार को भी राज्य की हवा में धूल-कण की मात्रा तय मानक से काफी अधिक रिकॉर्ड की गई है। यानी बिहारवासी अत्यधिक ज़हरीली हवा में सांस ले रहे हैं । विशेषज्ञों के अनुसार, जल्द उचित कदम नहीं उठाए गए तो यह स्थिति जनवरी तक बनी रह सकती है। बता दें कि हवा के दूषित होने की वजह से लगातार पटना, मुजफ्फरपुर, गया और हाजीपुर में सड़क पर चलने वाले लोगों के आंखों में जलन होने की बात सामने आरही है। लेकिन हैरानी की बात ये हैं कि प्रदूषित शहरों की लिस्ट में बिहार के कई शहरों के नाम शामिल हैं।
बिहारशरीफ रहा टॉप पर
नालंदा जिले का बिहार शरीफ शहर प्रदूषण के मामले में टॉप पर आया है। यहां का एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) लेबल 414 रेकॉर्ड किया गया है। सोमवार को यहां का एक्यूआई (AQI) लेबल 414 रिकॉर्ड किया गया है और महींन और मोटे दोनों तरह के धूल कण की मात्रा 5 से अधिक रही है।
इन शहरों की हवा हुई ज़हरीली
बिहार के विभिन्न शहरों की अगर बात कर ली जाए तो बिहारशरीफ में एक्यूआई लेबल अगर 414 है तो पटना में यह 301 है, जो बहुत खतरनाक स्तर का है। मुजफ्फरपुर में एक्यूआई 369, बक्सर में 359 है जो बहुत खराब माना जाता है। छपरा में एक्यूआई 353 है और वो भी बहुत खराब माना जाता है। सहरसा का एक्यूआई 352, कटिहार में 345, किशनगंज में 335, पूर्णिया में 335, भागलपुर में 332, सासराम में 319, मोतिहारी में 291 है।
बढ़ सकता है प्रदूषण का लेवल
वायु प्रदूषण विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले दिनों में शहर में कोहरे की स्थिति और आर्द्रता में वृद्धि होने पर प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है। जिस तरह अभी प्रदूषण की आंकड़ा रिकॉर्ड हो रही है, इससे लगता है कि आगे और भी खतरा बढ़ने वाला है। गौरतलब है दीवाली के बाद से ही राज्य में लगातार प्रदूषण बढ़ ही रहा है ।