पूर्व मध्य रेलवे द्वारा यात्रियों की सुविधाओं को बेहतर करने के साथ ही रेलवे स्टेशनों की साफ-सफाई, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में पूर्व मध्य रेल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों को धरातल पर लागू कर एक नई उपलब्धि हासिल की है। बिहार-झारखंड के 52 रेलवे स्टेशनों को इको स्मार्ट बनाया गया है।

52 स्टेशनों पर 24 पैरामीटर लागू

रेलवे स्टेशनों को इको स्मार्ट स्टेशन के रूप में डेवलप्ड करने के लिए 52 स्टेशनों पर रेलवे बोर्ड के सुझाए गए 24 पैरामीटर लागू किए। इन्हें पर्यावरण प्रबंधन के लिए ISO-14001:2015 प्रमाण पत्र दिया गया है। पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से निर्धारित पूर्व मध्य रेल के 52 नामित स्टेशनों में से 45 का संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के लिए सहमति से स्थापित प्रस्तावों की ऑनलाइन प्रस्तुतियां हो गई है। सभी 45 स्टेशनों के स्थापना की मंजूरी के लिए पूर्व मध्य रेलवे ने एनओसी हासिल कर ली है। जिसमें 32 स्टेशनों को कंसेंट-टू-ऑपरेट (सीटीओ) दी गई है।

इन स्टेशनों पर हुआ बढियां काम

रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य करते हुए मुजफ्फरपुर, पटना, दानापुर, राजेन्द्र नगर टर्मिनल, सोनपुर, धनबाद, गया स्टेशनों पर प्लास्टिक बोतल क्रसिंग मशीन और कंपोस्टिंग प्लांट बनाए गए हैं। दानापुर, राजेन्द्र नगर टर्मिनल, बरौनी स्टेशनों पर वर्षा जल संचयन और वाटर साइक्लिंग सिस्टम, एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए हैं। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से तय किए गए जल संचय, वायु प्रदूषण नियंत्रण और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की आवश्यकता को सुव्यवस्थित करने में रेलवे ने अपनी सहायता की है। उम्मीद है आगे भी ऐसे ही बेहतरीन कदम रेलवे की ओर से उठाए जाते रहेंगे।

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