आधारभूत संरचनाओं के साथ-साथ इस बदले वक़्त में किसी भी देश की तरक्की का एक मात्र तरीका नई तकनीकों और तकीनीकी चीजों को अपनाना है। इसी सिलसिले में बुलेट ट्रेन के निर्माण का कार्य देश मे तेज़ी से चल रहा है। गौरतलब है कि अभी बुलेट ट्रेन के निर्माण का कार्य मुंबई से गुजरात के बीच सक्रिय रूप से चालू है। वहीं इस कड़ी में लोगों के लंबे इंतज़ार को खत्म करते हुए वाराणसी-बिहार-कोलकाता बुलेट ट्रेन के सर्वे का काम भी ज़मीनी स्तर पर तीव्र गति से शुरू हो गया है।
760 किलोमीटर लंबी होगी वाराणसी-बिहार-कोलकाता बुलेट ट्रेन की रेल लाइन
मालूम हो कि वाराणसी-बिहार-कोलकाता बुलेट ट्रेन की रेल लाइन 760 किलोमीटर लंबी होगी, जो बिहार में पटना, झारखंड में धनबाद तथा बंगाल में बर्दवान से होते हुए गुजरेगी। अब तक मिली जानकारी के अनुसार वाराणसी-बिहार-कोलकाता बुलेट ट्रेन नेटवर्क के निर्माण में सामाजिक और पुनर्वास पर होने वाले खर्च के सर्वे का काम टीला कंसल्टेंट्स एंड कॉन्ट्रैक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड और मोनार्क सर्वेयर्स एंड इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के कंसोर्टियम को मिला है।
बन रही है डीपीआर
बताते चलें कि नेशनल हाइ स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) इस बड़े और नवीन प्रोजेक्ट की डीपीआर (Detailed Project Report) बना रही है। ज़ाहिर है कि अगर सब ठीक रहा और तो वाराणसी-हवारा-कोलकाता के बिच जल्द ही बुलेट ट्रेन दौड़ेगी।