वट सावित्री व्रत का महत्व
वट सावित्री व्रत जेष्ट कृष्ण पक्ष के अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु की कामना करती हैं।
वटवृक्ष की पूजा
वटवृक्ष को हिंदू धर्म में पूजनीय माना जाता है क्योंकि इसका साथ ज्ञान के साथ जीवन की उत्तम दिशा में अग्रसर होने की शक्ति भी समाहित है।
वैज्ञानिक कारणों में वट वृक्ष का महत्व
वैज्ञानिक कारण के मुताबिक वटवृक्ष दुनिया में सभी पेड़ पौधे से ज्यादा ऑक्सीजन देने वाला वृक्ष होता है और इससे हमारा पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है।
विक्रम कुमार झा/पूर्णियाः वट सावित्री व्रत जेष्ट कृष्ण पक्ष के अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस बार वट सावित्री व्रत 6 जून दिन गुरुवार को मनाया जाएगा। इसके साथ पौराणिक सत्यवान सावित्री की कथा जुड़ी हुई है, जिसमें सावित्री ने अपने चतुराई और धर्म के साथ यमराज से लड़कर अपने पति सत्यवान के प्राण वापस लौटाये थे। वट सावित्री व्रत भी सौभाग्य प्राप्ति के लिए एक बड़ा व्रत माना जाता है। वैज्ञानिक कारणों में वट वृक्ष का बहुत महत्वपूर्णिया के पंडित मनोत्पल झा कहते है कि वैज्ञानिक कारण की बात करें तो वटवृक्ष दुनिया में सभी पेड़ पौधे से ज्यादा ऑक्सीजन देने वाला वृक्ष होता है। इसलिए आम लोगों से भी उन्होंने अपील करते हुए कहा कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में अगर पौधे की कटाई करते हैं तो वटवृक्ष लगाने का जरूर प्रयास करें।