देश की राजधानी दिल्ली का एक गांव ऐसा भी है, जहां 10 साल बाद बस सेवा शुरू होने से गांव के बच्चे से लेकर बुजुर्ग के चेहरे पर खुशियां लौट आई हैं। लोगों को डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर बस पकड़ने का झंझट अब खत्म हो गया है। अब गांव के लोगों को घर के बाहर या घर के पास से ही बस में बैठने की सुविधा मिलनी शुरू हो गई है। भले ही कोरोना संक्रमण के इस दौर में लोगों को तमाम मुसीबतों का सामना करना पड़ा हो, लेकिन तिमारपुर वार्ड के जगतपुर गांव और वजीराबाद गांव के लोगों के लिए कोरोना का यह दौर किसी दिवाली से कम नहीं रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि पहले बस नहीं होने के कारण उन्हें गांव से बाहर रिंग रोड तक डेढ़ किलोमीटर तक पैदल या साइकिल रिक्शा करके जाना पड़ता था। खासतौर से गांव के बाहर नौकरी करने वाली महिलाओं, युवाओं और पुरुषों का दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इसके अलावा गांव से दिल्ली के अन्य स्थानों पर बने स्कूल और कॉलेज जाने वाले छात्रों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। गांव के बुजुर्ग तेजवीर यादव ने बताया कि 10 साल पहले तक दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की रूट नंबर-271 पर चलने वाली बस गांव से होकर ही जाती थी, लेकिन बाद में अचानक से इस बस सेवा को बंद कर दिया गया था। उन्हें बस सेवा शुरू कराने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी। ग्रामीणों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर डीटीसी के अधिकारियों तक कई बार बस सेवा शुरू कराने की मांग की। उन्हें बताया कि गांव में बस सेवा शुरू होने से करीब 20 लोगों को फायदा होगा।
लोगों की इस परेशानी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने अब 10 साल बाद गांव में बस सेवा को मंजूरी दी है, जिसके बाद से गांव में बस का आना जाना शुरू हो गया है। हालांकि शुरुआती दिनों में सुबह-शाम बस के फेरों की संख्या अधिक है, वहीं, दोपहर में अब भी लोगों को आधे से एक घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है।
ऑफिस पहुंचने की सिरदर्दी हुई खत्म : बस में सफर करने वाले संदीप कुमार ने कहा कि बस शुरू होने से राहत मिली है। पहले रिक्शा पकड़कर या पैदल ही गांव से बाहर जाना पड़ता था। इससे परेशानी होती थी। बस में सफर करने वाली रानी देवी ने कहा कि आखिरकार सरकार ने उनकी मांग मान ली है, जिससे गांव के लोगों को मदद मिल रही है।
शिवानी वर्मा ने कहा कि उन्हें पहले ऑफिस जाने में दिक्कत होती थी, लेकिन अब वह समय से ही ऑफिस पहुंच जाती हूं। सरकार के इस फैसले से गांव के लोगों को मदद मिली है। वहीं, बस के चालक अश्वनी कुमार ने कहा कि गांव के अंदर बस खड़ी करने और मोड़ने में परेशानी होती है, लेकिन लोगों के लिए यह काम करना कोई दिक्कत का काम नहीं है।
कोरोना संक्रमण में बरती जा रही हैं पूरी सावधानियां : डीटीसी के अधिकारियों और परिचालकों का कहना है कि वे बस में इन दिनों सरकार के सभी दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं। गांव से बाहर जाने वाले लोगों को एक सीट छोड़कर एक सीट पर बैठने के बारे में बताया जाता है। बस में 24 सीटों पर यात्रियों को एक बार में सफर करने का मौका दिया जा रहा है। इसके अलावा सभी यात्रियों को मास्क पहनने के लिए बोला जाता है।
इन इलाकों से होकर गुजरती है बस
- ’ जगतपुर गांव
- ’ जगतपुर मंदिर
- ’ जगतपुर क्रॉसिंग
- ’ बालकराम अस्पताल
- ’ पुराना सचिवालय
- ’ आइएसबीटी कश्मीरी गेट
- ’ लाल किला
- ’ दिल्ली गेट
- ’ विवेकानंद रोड
- ’ केंद्रीय सचिवालय