दिल्ली-एनसीआर को को पहली स्वचलित टॉवर पार्किंग मिल गई है। ग्रीन पार्क में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम द्वारा बनाई गई टॉवर पार्किंग का उद्धाटन केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, उपराज्यपाल अनिल बैजल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता और महापौर अनामिका सिंह ने वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से किया। मुबंई मॉडल की तर्ज पर इस पार्किंग को बनाया गया है।
वर्ष 2017 में तत्कालीन महापौर कमलजीत सहरावत और स्थायी समिति अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने मुबंई के पार्किंग मॉडल के निरीक्षण के बाद टॉवर पार्किंग बनाने का निर्देश दिया था। इस पार्किंग से कम जगह में ज्यादा वाहनों को खड़ा किया जा सकता है। 136 वाहनों की क्षमता वाली इस टॉवर पार्किंग में वाहन अपने आप लिफ्ट के माध्यम से ऊपर चले जाते हैं। इससे वाहनों को पार्किंग में लगाने में समय की बचत के साथ कम ईधन की बचत होती है। 18.20 करोड़ की लागत से इस पार्किंग में 17-17 मंजिल के चार टॉवर बनाए गए हैं। निगम का दावा है कि दिल्ली-एनसीआर की यह पहली टॉवर पार्किंग हैं।
पार्किंग के उद्धाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा कि शहर में बढ़ते वाहनों की संख्या को देखते हुए आधुनिक पार्किंग की जरुरत हैं। ऐसे में समय की मांग को देखते हुए स्वचलित टॉवर पार्किंग बनाने के लिए निगम बधाई का पात्र हैं। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कहा कि इस तरह की टॉवर पार्किंग घनी आबादी क्षेत्र में उपयोगी साबित होगी। क्योंकि आम तौर पर सामान्य पार्किंग में एक वाहन के लिए 30 वर्ग मीटर स्थान की जरुरत होती है जबकि यह टॉवर पार्किंग एक वाहन के लिए 1.50 वर्ग मीटर ही स्थान चाहिए। साथ ही यह पूरी तरह से सुरक्षित भी है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि निगम विपरित परिस्थितियों में जनता को बेहतर सेवाएं देने का कार्य कर रहे हैं। अभी दक्षिणी निगम की तीन और पार्किंग निर्माणधीन हैं जो कि जनता की सुविधा के लिए बेहतर कदम है। ऐसी आधुनिक पार्किंग साइट के निर्माण से हम नागरिकों को उच्चतम और बेहतर सुविधाएं देने का प्रयास करते है। लोग अक्सर पार्किंग न होने के कारण सड़कों के किनारे अपनी गाड़िया खड़ी कर देते हैं जिसकी वजह से जाम लगता है और उनकी गाड़ियों का चालान भी कट जाता है।
महापौर अनामिका सिहं ने कहा कि आए दिन वाहनों को पार्किंग में खड़ा करने के लिए झगड़े होते हैं। ऐसे में स्वचलित पार्किंग से यह झगड़े भी कम होंगे और नागरिकों को कम समय में वाहन को पार्क करने में सहूलियत होगी। इस अवसर पर नेता सदन नरेंद्र चावला , उप महापौर सुभाष भड़ाना, स्थायी समिति अध्यक्ष राजदत्त गहलोत और निगमायुक्त ज्ञानेश भारती उपस्थित रहे।
ऐसे करती है काम
यह टॉवर पार्किंग पूरी तरह से स्वचलित हैं। वाहन को प्लेट फॉर्म पर खड़ा किया जाता है। इसके बाद वाहन लिफ्ट के माध्यम से ऊपर चला जाता है। अब वाहन को बाहर निकालना होता हैं तो वहां लगे सिस्टम पर इसकी जानकारी देनी होती है। फिर सिस्टम स्वतः कंमाड लेकर खुद ही वाहन 150 सैंकेड़ में बाहर ले आता है। । जबकि सामान्य तौर पर एक वाहन को पार्किंग से निकालने में करीब 15 मिनट का समय लगता है। वाहन को निकालने में कम समय लगने से ईधन की बचत होती है। इससे प्रदूषण भी कम होगा।
यह हैं शुल्क
- प्रति घंटे 20 रुपये
- 24 घंटे के लिए 100 रुपये
- एक माह के लिए दिन में पार्किंग पास 1200 रुपये
- एक माह के लिए दिन और रात्रि में पार्किंग पास 2000 रुपये
यह हैं विशेषता
-876 वर्ग मीटर के प्लाट पर 136 वाहनों को पार्क करने की सुविधा
-प्रथम तल से चौथे तल तक 8 एसयूवी कार और 5वें तल से 17वें तल तक 26 सेडान कार खड़ी करने की सुविधा।
-आग की स्थिति के बचाव के लिए सभी तलों पर पानी के छिड़काव के लिए स्प्रिंकलर लगाए गए हैं।
-पार्किंग में प्रतीक्षा कक्ष, पुरूष व महिला शौचालय, ड्राइवरों के लिए अतिरिक्त प्रतीक्षा कक्ष
-पार्किंग में अलग-अलग प्रवेश और निकास द्वार