केंद्र सरकार के नए हवाई रूट खोलने के फैसले से आने वाले दिनों में हवाई सफर के समय में 20-25 फीसदी का समय बच जाया करेगा। विशेषज्ञों का मानना है देश के भीतर उड़ान के रूटों के साथ साथ विदेशी रूटों पर भी अगर सरकार दूसरे देशों से बातचीत करे तो उड़ान का समय घटाया जा सकता है। पेशे से पायलट और विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञ अरविंद सिंह ने हिन्दुस्तान से बातचीत में बताया कि मौजूदा दौर में दिल्ली से तकरीबन सभी बड़े शहरों की उड़ान के लिए कई इलाकों से घूमकर जाना होता है।
 

 
दिल्ली से कोलकाता और चेन्नई के बीच में भी समय की बचत
उनके मुताबिक दिल्ली से मुंबई जाने में दो से दो घंटे दस मिनट का समय लगता था। और अगर अब सीधा रास्ता दिया जाएगा तो हम एक घंटे 35 मिनट में पहुंच जाएंगे। यही हाल दिल्ली से कोलकाता और चेन्नई के बीच में भी समय की बचत देखने को मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के बारे में उन्होंने बताया कि दिल्ली से बैंकॉक के बीच का सफर चार घंटे का होता है अब यह साढ़े तीन घंटे में तय किया जा सकता है। साथ ही दिल्ली से लंदन के बीच भी अगर सरकार इस रूट के बीच आने वाले देशों से बातचीत करे तो तकरीबन दो घंटे की बचत की जा सकती है.
 
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उन्होंने कहा कि सरकार ने एविएशन के लिए रूट में बदलाव के अलावा कोई भी राहत का कदम नहीं उठाया है। सरकार को टैक्स छूट जैसे कदम उठाने चाहिए थे। साथ ही सेवा शुरू करने के संकेत देने चाहिए थे ताकि लंबे समय से परेशानी झेल रही इंडस्ट्री को राहत मिले। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के ऐलान के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विमानन क्षेत्र के लिए नए रूट खोलने का ऐलान किया था। उन्होंने बताया था कि देश में अभी 60 फीसदी हवाई क्षेत्र ही उड़ान के लिए उपलब्ध है और बाकी पर सालों से प्रतिबंध हैं। इन प्रतिबंधों को सरकार चरणबद्ध तरीके हटाएगी जिससे सालाना एक हजार करोड़ रुपये का फायदा होगा।
 

 
इस कदम से न सिर्फ हवाई ईंधन की बचत होगी बल्कि ईंधन आयात बिल भी घटेगा।नए रूट खोलने के फैसले से पर्यावरण को राहत तो मिलेगी ही सबसे बड़ा फायदा यात्रियों को होगा जो पहले के मुकाबले कम समय में गंतव्य तक पहुंच पाएंगे। वहीं पायलट को भी कम समय में उड़ान पूरी करने का मौका मिलेगी।

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