भागलपुर निवासी स्व. शुकदेव प्रसाद सिंह के पुत्र संदीप सिंह सीआरपीएफ में डीआइजी बने हैं। 14 जुलाई 1993 को संदीप ने सीआरपीएफ में सहायक कमांडेंट के रूप में अपनी सेवा शुरू की। 28 वर्ष के कार्यकाल में कई चुनौतियों का बेहतर तरीके से सामना किया। इस कारण उन्हें कोई पदोन्नति दी गई। मंगलवार को वे सीआरपीएफ में डीआइजी बने। संदीप उग्रवाद प्रभावित जम्मू कश्मीर, असम से लेकर नक्सल प्रभावित झारखंड, छत्तीसगढ़ आदि में अपनी सेवा दे चुके हैं। वर्ष 2009 में सीआरपीएफ की 189 बटालियन के कमांडेंट के रूप में असम में 286 उग्रवादियों को आत्मसमर्पण कराने में अहम भूमिका निभाई थी।
अधिवक्ता सुकदेव प्रसाद सिंह के घर दो अक्टूबर 1966 को संदीप का जन्म हुआ। उन्होंने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से स्नातक और एलएलबी की शिक्षा प्राप्त की। सीआरपीएफ ज्वाइन करने के बाद उन्हें विदेश में भी सेवा करने का मौका मिला। यूएन मिशन के अधीन प्रिस्टीना (कोसोवो) में उन्हें सेवा देने के लिए चुना गया।
इसी नेतृत्व क्षमता, सूझ-बूझ व रणनीतिक कुशलता के कारण उन्हें आतंरिक सुरक्षा पदक सहित कई अलंकरणों से सम्मानित किया गया। जिसमें, महानिदेशक की डिस्क, यूएन, मिशन के पीसकीपिंग मेडल (शांतिरक्षक पदक) आदि शामिल हैं। लगातार उनके कार्यों की प्रशंसा होती रही है।