यह एक छोटे से कस्बे की बात है जहाँ एक ही बस स्टॉप है जो हमेशा काफ़ी व्यस्त रहता है। यह एकमात्र ऐसा बस स्टॉप है जो शहर की ओर लेकर जाता है। वहाँ रोज़ एक छोटा कुत्ता अकेले बैठकर किसी का इंतजार करता है। अगर कोई उसे पकड़ने की कोशिश करता, तो वह भाग जाता है। हर बार जब कोई बस आती है, तो वह इस तरह दौड़ता है जैसे कि वह किसी का इंतजार कर रहा हो।
शहर में आने वाले लोग अक्सर यह मान लेते हैं कि कोई इसे छोड़ गया है और अब यह कुत्ता अपने मालिक के लौटने का इंतजार कर रहा है। हर एक बस के रुकने पर, वह उत्तेजित हो जाता है। लेकिन जब उसका मालिक उस बस से नहीं उतरता, तो वह दुखी होकर वापस बस स्टॉप पर इंतजार करने चला जाता है।
असल में इस कुत्ते की अलग कहानी है। सालों पहले उसकी एक कार से टक्कर हुई थी जिसके कारण उसे कईं चोटें भी आई थी, उस समय केवल एक बूढ़ी औरत उसकी मदद करने के लिए रुकी थी। बूढ़ी औरत ने गरीब होने के बावजूद उस कुत्ते को घर ले जाने और उसके स्वास्थ्य का ध्यान रखने का निर्णय लिया। तब उस बूढ़ी औरत ने उसका नाम बाल बाल रखा।
दयालु महिला की मदद से बाल बाल की तबियत ठीक हुई। कस्बे के लोग उसे “दादी” कहते हैं। दादी गरीब है, लेकिन वह बाल बाल के लिए सब करती है। चूंकि वह एक अच्छा फेंस नहीं लगा सकती, उसने ठंड के दिनों में बाल बाल को गर्म रखने के लिए एक मेकशिफ्ट केनल बनाया।
बाल बाल बहुत होशियार है, जब दादी को सामान लेने के लिए शहर जाना पड़ता है, तो वह किसी तरह केनल से निकल कर उसके पीछे भागता है। दादी समझती है कि वह उसके प्रति समर्पित है क्योंकि उन्होंने उसकी जान बचाई थी। दादी चाहे कितने भी घंटे की दूरी पर हों, बाल बाल बस स्टॉप पर उनका इंतजार करता हैं।
ठंड के दिनों में, दादी बाल बाल को घर पर रखने की बहुत कोशिश करती हैं। लेकिन वह हमेशा एक रास्ता खोज ही लेता है। वह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि शहर लौटते समय दादी अकेली नहीं है। यह प्रेम भी बहुत अद्भुत है, एक शब्द कहे बिना बाल बाल अपने मानव से कहता है कि वह उससे बहुत प्यार करता है, कि वह हमेशा उनके लिए रहेगा चाहे कुछ भी हो।
बेशक दादी उसकी सुरक्षा के बारे में चिंतित रहती हैं और अपनी पूरी कोशिश करती हैं। लेकिन बाल बाल वही करता है जो उसका मन कहता है।