पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दुनिया के सामने ये बात कबूल कर ली है कि उनके देश में 30 से 40 हजार आतं’की है। इसी के साथ उन्होंने ये भी दावा किया कि उनकी सरकार देश में जेहाद संस्कृति को खत्म करने की कोशिश कर रही है। ये दोनों बातें इमरान ने अमेरिका यात्रा के दौरान स्वीकार की है। पाकिस्तान की राजनीति में वहां की सेना का काफी अहम रोल रहता है, अब इमरान के कुछ बयानों के बाद पाकिस्तान सेना नाराज हो गई है। इस वजह से पाकिस्तानी सेना और प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच की दूरियां बढ़ती जा रही हैं। अमेरिका दौरे पर गए इमरान खान के कुछ कबूलनामे और भारत से संबंधों को लेकर कुछ अहम मौकों पर दिए गए बयानों से पाकिस्तानी सेना और भी चिढ़ गई है।
 
भारत के जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद पाकिस्तानी सेना भारत में आतंकियों की बड़े पैमाने पर घुसपैठ कराने की लगातार कोशिश कर रही है। उधर इमरान खान ने कई दफा दावा किया कि उनकी सरकार आतं’कियों पर कार्रवाई कर रही है। लिहाजा, पाकिस्तानी सेना इमरान से नाराज है। 10 सालों तक अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को अपने देश में छिपाने वाली पाकिस्तानी सेना का इरादा सेना के लोगों को राजनीति के जरिए मुख्यधारा में लाना है। अक्टूबर, 2017 में पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा था कि वह सशस्त्र बल के लोगों को राजनीतिक प्रक्रिया में लाने के लिए एक खास तरह की योजना पर काम कर रहे हैं।

पाकिस्तान पर नजर रखने वालों का कहना है कि गफूर का मकसद आतं’कियों और आ’तंकी संगठनों को आपस में जोड़कर उन्हें पाकिस्तान की मुख्यधारा में लाने के लिए राजनीतिक क्षेत्र में एक सकारात्मक भूमिका दी जाएगी। इसके विपरीत पिछले साल ही पाकिस्तानी सेना की हेराफेरी से चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री बनने वाले इमरान खान ने हाल ही में मजबूरी में कुछ ऐसे बयान दे दिए कि पाकिस्तानी सेना के जनरल उनके खिलाफ हो गए हैं, जो आतंकी समूहों को बकायदा प्रशिक्षण देते हैं। अब अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने पर इमरान के ऐसे बयानों ने आग में घी डालने का काम किया है। वो इससे और भी नाराज हो गए हैं।
 
अभी हाल ही में पाकिस्तान के आजादी दिवस पर इमरान खान यह भी कुबूल कर बैठे कि भारत गुलाम कश्मीर में बालाकोट से भी बड़ा हम’ला करने की योजना बना रहा है। पाकिस्तानी सेना को इस बात की पूरी जानकारी है। हमारी जानकारी के मुताबिक भारत की और भी भयावह योजनाएं हैं। इमरान खान के इस कुबूलनामे से भी पाकिस्तानी सेना बेहद नाराज है। चूंकि पाकिस्तानी सेना हमेशा से इस बात से इंकार करती रही है कि बालाकोट के हवाई हम’ले में भारत को कोई कामयाबी मिली थी। भारतीय हमले को नाकाम साबित करने के लिए पाकिस्तानी सेना ने विदेशी पत्रकारों को भी हमले वाली जगह पर ले जाने का नाटक रचा था। उसका दावा था कि हमले में जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। जबकि भारतीय वायुसेना ने कहा था कि बालाकोट स्थित आतंकी शिविर पर सटीक निशाना था और कम से कम 200 आ’तंकी मा’रे गए थे।

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