अभी अभी देश में कई दिनों से अपना पांव पसार रही एक खास तरह की करेंसी.. जो डिजिटल रूप में है उसपर बैन लगा दिया गया है. इसका नाम ‘क्रिप्टोकरेंसी’ हैं. बता दें कि वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान यह ऐलान किया है कि देश में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी नहीं चलेगी. उन्होंने इस पर यह कहा है कि ऐसी सारी करेंसी देश में गैरकानूनी है ऐसे में मान्यता नहीं दी जा सकती और इस पर रोक लगेगी.
बताया जा रहा है कि इस ऐलान के बाद ही बिटकॉइन की कीमतें देश में गिर रही हैं. इससे पहले भी पूरी दुनिया में बिटकॉइन की कीमतों में कई बार भारी गिरावट देखने को मिली है. बिटकॉइन के इस हश्र के बाद बाजार पर नजर रखने वालों के बीच एक साल से चले आ रहे इस सवाल को और गंभीर बना दिया है कि क्या ये क्रिप्टोकरेंसी दुनिया में ट्यूलिपमेनिया और डॉटकॉम बुलबुले के बाद दुनिया का सबसे कुख्यात बुलबुला साबित हुई.
आपको यह साफ कर दें कि बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी है. मतलब वर्चुअल दुनिया की वर्चुअल करेंसी, जिसका कोई फंडामेंटल आधार नहीं है. जैसे गोल्ड एक धातु है, जिसकी अपनी वैल्यू होती है. डॉलर कितना महंगा या सस्ता होगा, ये अमेरिकी अर्थव्यवस्था की हालत पर निर्भर होता है. रुपये की वैल्यू हमारी अर्थव्यवस्था से जुड़ा है. इसके अलावा अर्थ से जुड़े मामले में वित्त मंत्री ने कहा है कि गोल्ड के लिए नई नीति जल्द बनेगी. कॉर्पोरेट टैक्स में कंपनियों को भारी छूट की घोषणा की गई है. बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस को भी टैक्स के दायरे में लाया गया है. बुजुर्गों के बचत में 50000 तक ब्याज में कोई टैक्स नहीं लगेगा. नौकरीपेशा लोगों के लिए टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं. आयकर दरों में छूट की सीमा पहले की तरह 2.5 लाख ही रहेगी..