दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामला में राजद अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव शिवपाल सिंह की कोर्ट में हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने अपने बेल पीटिशन खारिज होने पर बेटे से फोन पर बात की है. उन्होंने एक जनकारी देते हुए कहा कि आप लोग चिंता मत करिएगा, अब हमलोग सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.” उधर राजद के वरिष्ठ नेत्री अन्नपूर्णा देवी ने हाइकोर्ट से लालू की जमानत याचिका खारिज होने पर कहा कि आगे रास्ता खुला है, रणनीति पर होगी चर्चा.
बता दें कि चारा घोटाले में दोषी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को झारखंड हाईकोर्ट ने उनकी देवघर मामले में जमानत याचिका खारिज कर दी है. साथ ही HC ने बेल देने से भी इनकार कर दिया है. कोर्ट ने लालू की दलील मानने से इनकार किया है. जबलपुर कोर्ट के वकील राजेंद्र सिंह ने दलील रखी थी.
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो लालू को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के संकेत पहले भी नजर आ रहे थे. सजा की आधी अवधि जेल में रहने के बाद ही बेल का प्रावधान है. इस प्रावधान के कारण हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने की आशंका पहले भी जताई जा रही थी. कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में अपील के बाद ही बेल मिलने की संभावना है.
बताया जा रहा है कि चाईबासा मामले में सुनवाई जारी है. रांची सीबीआई कोर्ट ने लालू यादव को देवघर ट्रेजरी व चाईबासा ट्रेजरी से अवैध निकासी मामले में साढ़े 3 साल और 5 साल की सजा सुनाई है. लालू प्रसाद ने सीबीआई कोर्ट के इन्हीं आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
बताते चलें कि पिछले शुक्रवार को चारा घोटाले में सजा काट रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. जगन्नाथ मिश्र को हाईकोर्ट से राहत मिल गई थी. उनकी जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की कोर्ट ने उन्हें इलाज कराने के लिए चार सप्ताह की औपबंधिक जमानत दे दी. चार सप्ताह बाद उन्हें निचली अदालत में सरेंडर करने का आदेश दिया है. डाॅ. जगन्नाथ मिश्र को चारा घोटाले में चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में पांच साल की कैद की सजा सुनाई गई है. उन्होंने इस मामले में निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है साथ ही जमानत की मांग की थी.