भागलपुर हवाई अड्डा का लाउंज का उद्घाटन सीएम नीतीश कुमार ने गुरुवार आठ फरवरी को कर दिया किया. हवाई अड्डा पर लाउंज का उद्घाटन करने के बाद समीक्षा बैठक में शामिल होने के लिए डीआरडीए पहुंचे. बता दें कि लाउंज का उद्घाटन महज एक चुनावी छलावा के अलावा कुछ भी भी नहीं हैं. क्योंकि RTI में यह खुलासा हो चूका है कि इस हवाई अड्डे से कमर्शियल विमानों का उड़ान अभी संभव हैं. जबकि भागलपुर के आम लोगों का लम्बे समय से इस बात का इंतजार हैं. जिस पर शायद सरकार पूरी तरह से ध्यान नहीं दे रही है. अभी बुधवार को भी कई लोगों ने भागलपुर हवाई अड्डे से विमानों के उड़ान की मांग को लेकर प्रर्दशन किया है.
मालूम हो कि भागलपुर से घरेलू विमान के उड़ान पर विराम लग गया है. रनवे में अड़ंगा के कारण सिविल विमानन विभाग ने रोक लगा दी. कारण 4500 फीट लंबा रन-वे चाहिए और मौके पर केवल 3200 फीट है, इसमें 1300 फीट बढ़ाने के लिए मौके पर जगह भी नहीं है. सभी कयासों के के साथ अब तस्वीर साफ हो गई है कि भागलपुर से तत्काल अब घरेलू विमान सेवा शुरू नहीं हो सकेगी.
सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम उड़ान के तहत बिहार के पांच हवाईपट्टी से घरेलू विमान सेवा शुरू के लिए चयन किया गया. इनमें पूर्णिया, भागलपुर, दरभंगा, वाल्मीकिनगर और सहरसा का नाम है. इसके बाद ही जिला प्रशासन ने इस दिशा में पहल तेज की. सालभर बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस है. जबकि सालभर पहले जिला प्रशासन ने शहर से घरेलू विमान सेवा शुरू करने के लिए जोर-शोर से प्रयास किया, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला.
रन-वे के पूरब व पश्चिम में जगह भी खाली नहीं है घरेलू विमान के उड़ान के पीछे हालत यह है कि रन-वे के पूरब व पश्चिम में जगह भी खाली नहीं है कि उसे बढ़ाई जा सके. इसलिए राज्य सरकार के सिविल विमानन विभाग की ओर से इस पर विराम लगा दिया है. इतना ही नहीं, अभी यह भी निर्णय नहीं हो सका है कि जरूरत के हिसाब से दूसरी जगह पर जमीन उपलब्ध कर वहां से घरेलू विमान सेवा चालू की जाए. इसलिए अब जब भविष्य में इस दिशा में सरकार निर्णय लेगी तो ही इस दिशा में पहल होगी. लेकिन अब उसकी उपयोगिता पर भी सवाल खड़ा होने लगा है कि जब घरेलू विमान सेवा शुरू ही नहीं होगा तो उसकी क्या जरूरत है.
भागलपुर से हवाई सेवा शुरू करने की मांग को लेकर बुधवार को स्टेशन चौक पर नागरिक सेवा समिति ने एक दिवसीय धरना दिया. समिति के अध्यक्ष रिजवान खान के नेतृत्व में आयोजित धरना कार्यक्रम में जुटे वक्ताओं ने राज्य व केंद्र सरकार पर उदासीनता का आरोप लगाया. अभी कुछ साल पहले राज्य सरकार और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के साथ एमओयू में बिहार के 5 शहरों से हवाई उड़ान शुरू करने पर सहमति बनी थी. कहा जा रहा है हवाई अड्डे पर पिछले सितंबर में लाउंज के निर्माण की प्रक्रिया भवन निर्माण निगम ने शुरू की थी और चार महीने के तय समय में काम पूरा कर लिया गया. लेकिन सीएम आने कुछ समय पहले तक चहारदीवारी की मरम्मत हो रही थी. सभी टूटी दीवार का निर्माण हो रहा था.