अभी अभी चारा के दुमका कोषागार मामले में भी फैसला आ गया है. जिसमें भी राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव दोषी करार दिए गये हैं. इस मामले में पूर्व सीएम जग्‍गनाथ मिश्रा को अदालत ने बरी कर दिया है. पूर्व मु्ख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को बरी करने के साथ साथ ध्रुव भगत को भी निर्दोष ठहराया गया है. RC 38A/96 में 19 अभियुक्त दोषी करार मामले में 12 आरोपी रिहा हुए हैं. जिन लोगों को दोषी करार दिया गया उनमें लालू के अलावा अजीत वर्मा, अरूण कुमार सिंह, विमलकांत दास दोषी, मनोरंजन प्रसाद, महेंद्र सिंह बेदी, नन्द किशोर प्रसाद, नरेश प्रसाद, ओपी दिवाकर, पंकज भुईं, पीतांबर झा, राधामोहन मंडल, राजकुमार शर्मा, रघुनंदन प्रसाद, राजेंद्र कुमार बगेड़िया,
सत्येंद्र दास और केके प्रसाद शामिल हैं.

इस मामले में लालू प्रसाद, जगन्नाथ मिश्र समेत 31 नेता और अधिकारी आरोपी हैं. इस केस में 15 मार्च को ही फैसला आना था, लेकिन लगातार तीन बार फैसला टल चुका है.

रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई के विशेष जज शिवपाल सिंह के ट्रेनिंग पर चले जाने के चलते 17 मार्च को फैसला सुनाया नहीं जा सका था. उधर गत 17 मार्च को ही जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद लालू प्रसाद को रिम्स में भर्ती कराया गया.

मालूम हो कि लालू पर चारा घोटाले के छह मामले दर्ज हैं. तीन में सजा सुनाई जा चुकी है. वे फिलहाल रांची की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद हैं. जानकारी के अनुसार दुमका ट्रेजरी से दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच गैरकानूनी तरीके से 3.76 करोड़ रुपए निकाले गए थे. इस मामले में सीबीआई ने 11 अप्रैल 1996 को 48 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. 11 मई 2000 को पहली चार्जशीट दायर की गई.

इस मामले करीब 22 वर्षों तक सीबीआई की अदालत में चली. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने 49 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर करीब दो सौ गवाहों को पेश किया. 49 आरोपियों में तीन सरकारी गवाह बन गए, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है जबकि दुमका के तत्कालीन कमिश्नर एसएन दुबे पर लगे आरोप ऊपरी अदालत से निरस्त हो गए.

बताया जाता है ट्रॉयल के दौरान कुल 14 आरोपियों की मौत हो चुकी है. इस केस में संयुक्त बिहार के दो पूर्व सीएम लालू प्रसाद और जगन्नाथ मिश्र सहित कुल 31 आरोपी हैं. इनमें पूर्व सांसद डॉ. आरके राणा, पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, तत्कालीन लोक लेखा समिति के अध्यक्ष ध्रुव भगत व जगदीश शर्मा के नाम भी शामिल हैं.