नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया है. सुबह 11 बजे अरुण जेटली को चेकअप के लिए एम्स में भर्ती कराया गया. वहीं एम्स ने अरुण जेटली का मेडिकल बुलेटिन भी जारी कर दिया है. एम्स का कहना है कि अरुण जेटली आईसीयू में भर्ती है। एम्स की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन में बताया गया है कि अरुण जेटली आईसीयू में भर्ती हैं. हालांकि उनकी हालत स्थिर बनी हुई है. अरुण जेटली का ट्रीटमेंट एंडोक्रिनोलोजिस्ट नेफ्रोलॉजिस्ट और कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टरों की देखरेख में चल रहा है. कार्डियोलॉजी के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉक्टर वीके बहल की निगरानी में अरुण जेटली का इलाज चल रहा है. जेटली का हाल जानने के लिए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी एम्स पहुंचे हैं।
अरुण जेटली का हाल जानने के लिए गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला भी AIIMS पहुंचे. अमित शाह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एम्स पहुंचे. अरुण जेटली का हाल जानने के थोड़ी देर बाद पीएम अस्पताल से निकल गए. इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के अलावा राज्यवर्धन सिंह राठौर और जेपी नड्डा भी एम्स पहुंचे। पिछले काफी समय से अरुण जेटली अस्वस्थ चल रहे हैं और इसी वजह से दूसरी मोदी सरकार की कैबिनेट में शामिल होने से उन्होंने इनकार कर दिया था. अरुण जेटली ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर मंत्रिमंडल में शामिल होने से मना कर दिया था.
अरुण जेटली ने ट्विटर पर चिट्ठी को शेयर करते हुए लिखा था, ‘पिछले 18 महीने से मैं बीमार हूं. मेरी तबीयत खराब है, इसलिए मुझे मंत्री न बनाने पर विचार करें.’ 30 मई को पीएम मोदी और उनके मंत्रिमंडल शपथ ली थी। अरुण जेटली ने लिखा, ‘आपकी (पीएम मोदी) अगुवाई में 5 साल काम करने का अनुभव बहुत ही अच्छा रहा. इससे पहले भी एनडीए सरकार में मुझे जिम्मेदारियां दी गईं. सरकार के अलावा संगठन और विपक्ष के नेता के रूप में मुझे अहम जिम्मेदारियों से नवाजा गया. अब मुझे कुछ नहीं चाहिए। सॉफ्ट टिशू कैंसर से पीड़ित हैं जेटली पिछले साल मई में अरुण जेटली का किडनी प्रत्यारोपण हुआ था. इसके बाद जेटली के बायें पैर में सॉफ्ट टिशू कैंसर हो गया है, जिसकी सर्जरी के लिए वह इसी साल जनवरी में अमेरिका भी गए थे.
खराब सेहत का हवाला देते हुए अरुण जेटली ने लिखा, ‘मैं आपसे औपचारिक रूप से अनुरोध करने के लिए लिख रहा हूं कि मुझे अपने इलाज और स्वास्थ्य के लिए उचित समय चाहिए और इसलिए मैं नई सरकार में किसी भी जिम्मेदारी का हिस्सा नहीं बनना चाहता हूं. इसके बाद निश्चित तौर पर मेरे पास काफी समय होगा, जिसमें मैं अनौपचारिक रूप से सरकार या पार्टी में कोई भी सहयोग कर सकता हूं.’