सऊदी अरब की सरकार ने कारोबारी संस्थानों को ज्यादा-से-ज्यादा स्थानीय लोगों को रोजगार देने का फरमान जारी किया है। वहां कारोबार पहले से ही मंदा चल रहा है। अब ज्यादातर विदेशी कर्मचारियों की जगह स्थानीय लोगों को नौकरी देने के आदेश से कारोबार की लागत और बढ़ जाएगी।
अब 70% सेल्स जॉब में होंगे सऊदी!
रिटेल चेन में स्थानीय लोगों को रोजगार देने के अभियान का पहला चरण इसी महीने शुरू हुआ। इसके तहत कार डीलरशिप एवं पोशाक, फर्नीचर और घरेलू बर्तनों के विक्रेताओं से उम्मीद की जा रही है कि वे 70% सेल्स जॉब्स में सऊदियों को नौकरी पर रखें।
सरकारी आदेश के मुताबकि, इलेक्ट्रिक सामानों के खुदरा विक्रेताओं, घड़ी विक्रेताओं और चश्मा बेचनेवालों को नवंबर महीने तक विदेशी कर्मचारियों को स्थानीय लोगों से स्थानांतरित करना अनिवार्य है। इसी तरह, मिठाई, दरी, निर्माण की वस्तुओं, चिकिस्ता के औजार और स्पेयर कार पार्ट्स बेचनेवालों को लिए यह मियाद जनवरी तक की है।
कारोबारियों की मुश्किल
गौरतलब है कि सऊदी अरब के रिटेल चेन बिजनस में विदेशी कर्मचारियों की भरमार है क्योंकि वे सऊदियों के मुकाबले कम वेतन पर काम करते हैं। साथ ही, स्थानीय लोग शिफ्ट में काम करने के आदी नहीं हैं। एक सीरियाई बिजनसमैन मोहनद फहाम ने बताया कि उन्होंने कुछ सऊदी सेल्समेन को ट्रेनिंग दी,
लेकिन उन्हें कुछ सप्ताह बाद ही नौकरी से हटाना पड़ा। दरअसल, जिन्हें ट्रेनिंग दी गई थी, उनमें सिर्फ एक अपनी ड्यूटी के प्रति समर्पित था जबकि बाकियों को शिफ्ट में काम करने में मुश्किल हो रही थी। फहाम कहते हैं, ‘एक साथ सारी मुसीबतें आ गईं। एक तो हमें इस इलाके में ज्यादा रेंट देना पड़ रहा है, ऊपर से बिक्री वैसी हो नहीं रही और अब लागत बढ़ गई है।’
प्राइवेट सेक्टर में काम करने की फितरत नहीं
दरअसल, सऊदी अरब में प्राइवेट सेक्टर में ज्यादातर स्टाफ विदेशी होते हैं जबकि स्थानीय लोग सरकारी नौकरियों को ज्यादा तवज्जो देते रहे हैं क्योंकि यहां उन्हें प्राइवेट सेक्टर के मुकाबले कम घंटे की ज्यादा सुरक्षित जॉब मिलती है।
सऊदी अरब में अभी बेरोजगारी 12.9 प्रतिशत है। यह आंकड़ा एक दशक से ज्यादा वक्त के हाइ लेवल पर है और 2.5 लाख युवा सऊदी हर वर्ष जॉब मार्केट में एंटर कर रहे हैं। इन्हें रोजगार देने के लिहाज से सिर्फ सरकारी नौकरियां पर्याप्त नहीं हैं।
इनपुट: nbt