अगर आप Facebook मैसेंजर में चैट करते हैं तो अलर्ट हो जाइए. फेसबुक मैसेंजर पर की गई आपकी पर्सनल चैट को कोई पढ़ रहा है. यानी, अगर आप सोचते हैं कि किसी शख्स से मैसेंजर पर की गई बातचीत पूरी तरह सीक्रेट है तो आप गलत हैं. Facebook ने खुलासा किया है कि यूजर की मैसेंजर बातचीत को वह स्कैन करता है. यानी, वह मैसेंजर में टेक्स्ट चैट, पिक्चर और लिंक की जासूसी करता है. फेसबुक यह सब ऑटोमेटेड सिस्टम के जरिए करता है.
कंपनी का कहना है कि उनका मैसेंजर स्कैनिंग सिस्टम बहुत हद तक दूसरी इंटरनेट कंपनियों के सिस्टम जैसा ही है. अगली स्लाइड में जानें ऐसा क्यों किया जाता है और आपके सीक्रेट में सेंधमारी की वजह क्या है. आपकी पर्सनल चैट की जासूसी करने के अलावा Facebook का ऑटोमेटेड सिस्टम आपकी भेजी गई या मैसेंजर में आपके पास आने वाली फोटो और लिंक को ऑटोमेटेड सिस्टम से स्कैन करता है.
Facebook के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने एक इंटरव्यू में स्पष्ट किया है कि कम्युनिटी के स्टैंडर्ड को मेंटेन करने के लिए उसका मेसेंजर ऐप यूजर्स की फोटो और उनकी बातचीत को स्कैन करता है.
फेसबुक का कहना है कि मैसेंजर में जब आप कोई फोटो भेजते हैं तो हमारा ऑटोमेटेड सिस्टम फोटो मैचिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए इसे स्कैन करता है और इस बात पर नजर रखता है कि किसी तरह के नियमों का उल्लंघन न हो. फेसबुक के मुताबिक, जब यूजर कोई लिंक भेजता है तो हम उसे स्कैन करते हैं ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि इसमें कोई मालवेयर या वायरस तो नहीं है.
हालांकि, इस खुलासे ने फेसबुक यूजर्स की चिंताएं बढ़ा दी है और उनके सामने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं. हालांकि, कंपनी का कहना है कि स्कैन्ड मेसेज से मिलने वाले डेटा का इस्तेमाल कभी भी एडवर्टाइजिंग के लिए नहीं किया गया है.
कैंब्रिज एनालिटिका का मामला सामने आने के बाद से फेसबुक की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. इसके अलावा, हालिया घटनाक्रम से फेसबुक यूजर्स के भरोसे को भी बड़ा झटका लगा है.
इनपुट:HN18