कश्मीर मुद्दे पर भारत को अमेरिका का साथ मिला है. जबकि इस मुद्दे पर पाकिस्तान फिर अकेला पड़ गया है. क्योंकि अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ देने से इंकार के लिया है. साथ ही एक चेतावनी भी दी है. अमेरिका ने स्पष्ट रूप से यह कहा है कि वह कश्‍मीर मुद्दे पर भारत के साथ है. साथ ही उसने पाकिस्‍तान से भी स्पष्ट रूप से यह कहा है कि वह खुद पर कंट्रोल रखे और ऐसी कोई हरक़त न करे जिससे इलाके की शांति भंग हो.

अमेरिका के विदेश मंत्रालय की प्रवक्‍ता मॉर्गन ऑर्टेगस ने शुक्रवार को कहा कि ट्रंप प्रशासन ने कश्‍मीर नीति में कोई बदलाव नहीं किया है. साथ ही उन्‍होंने मौजूदा माहौल में भारत-पाकिस्‍तान को संयम बरतने की हिदायत भी दी.
उन्‍होंने कहा कि कश्‍मीर भारत और पाकिस्‍तान का द्विपक्षीय मुद्दा है. लिहाजा, इस मामले में दोनों देशों को शांति और बातचीत का रास्‍ता निकालने के बारे में फैसला करना है.
पत्रकारों के सवाल पर ऑर्टेगस ने कहा कि अगर अमेरिका ने कश्‍मीर नीति में बदलाव किया भी है तो उसे यहां नहीं बताया जा सकता. हालांकि, अभी कश्‍मीर नीति में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है.

ऑर्टेगस ने कहा कि अमेरिका दोनों देशों के बीच बातचीत के जरिये कश्‍मीर समस्‍या का समाधान तलाशने के पक्ष में है. हम चाहते हैं कि इस मुद्दे पर सभी पक्ष संयम बरतें. हम चाहते हैं कि क्षेत्र में शांति और स्‍थायित्‍व बरकरार रहे. साथ ही हम दोनों देशों के बीच बातचीत जारी रहने के समर्थक हैं.
ऑर्टेगस ने कहा कि अमेरिका के दोनों दक्षिण एशियाई देशों के साथ करीबी संबंध हैं. अमेरिका भारत और पाकिस्‍तान के साथ कई मामलों में साझेदार है. हाल में पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अमेरिका आए थे. इस दौरान कश्‍मीर के मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई. वहीं, हम भारत के साथ भी कई क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहे हैं.

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने पिछले सप्‍ताह ही भारत के अपने समकक्ष एस. जयशंकर से मुलाकात की थी. कश्‍मीर में मानवाधिकारों के उल्‍लंघन को लेकर दिए इमरान खान के आरोप पर ऑर्टेगस ने कहा कि इस समय वहां माहौल काफी तनावपूण है. लिहाजा, हम इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहते हैं. कश्‍मीर को लेकर हमारा पक्ष स्‍पष्‍ट है.
ऑर्टेगस ने कहा, ट्रंप प्रशासन पाकिस्‍तान से कहता रहा है कि अपने यहां मौजूद आतंकी संगठनों पर प्रभावी और दिखने लायक कार्रवाई कर भारत को बातचीत के लिए प्रोत्‍साहित करे. उन्‍होंने बताया कि जल्‍द ही अमेरिका के एक वरिष्‍ठ राजनयिक भारत दौरे पर जा रहे हैं. उप-विदेश मंत्री जॉन जे. सलीवन का दौरा पहले से ही तय था, लेकिन अब वह कश्‍मीर मसले पर भी चर्चा करेंगे. नई दिल्‍ली के अलावा वह थिंपू और भूटान भी जाएंगे. उनका यह पूरा दौरान 11 से 17 अगस्‍त तक होगा. नई दिल्‍ली के दौरे में सलीवन अमेरिका और भारत के बीच बहुपक्षीय संबंधों को ज्‍यादा मजबूत बनाने को लेकर चर्चा करेंगे. इस दौरान वह भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात करेंगे और भारत-अमेरिका फोरम को संबोधित करेंगे.

विदेश मंत्रालय की प्रवक्‍ता ने कहा कि दुनिया में कहीं भी तनाव की अमेरिका का रुख सीधा और स्‍पष्‍ट रहता है. अमेरिका सभी देशों के अपील करता है कि कानून का पालन किया जाए और मानवाधिकारों व अंतरराष्‍ट्रीय नियमों का सम्‍मान किया जाए. हम लोगों से शांति, सुरक्षा और बातचीत की अपील करते हैं. अमेरिका जम्‍मू-कश्‍मीर के हालात पर नजर बनाए हुए है. वहां से लोगों को हिरासत में लेने और उन पर पाबंदियां लगाए जाने की रिपोर्ट्स आ रही हैं. उन्‍होंने स्‍पष्‍ट किया कि अनुच्‍छेद-370 हटाने का फैसला लेने से पहले अमेरिका से न तो सलाह ली थी और न ही इसकी पहले से कोई सूचना ही दी थी.

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