राष्ट्रगान को सिनेमाघरों में बजाने को लेकर अनिवार्यता खत्म किया गया है. फिल्म से पहले राष्ट्रगान जरूरी नहीं है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनिवार्यता खत्म की गयी है. इस संबध में केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से यह अपील की थी. केंद्र ने कहा था कि राष्ट्रगान को सिनेमाघरों में बजाना अनिवार्य न किया जाए. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्र की पीठ ने 30 नवंबर 2016 को दिए एक आदेश में हर सिनेमाघर में फिल्म चालू होने से पहले राष्ट्रगान बजाने का आदेश दिया था. इस दौरान दर्शकों को इसके सम्मान में खड़ा होना लाजिमी किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को दाखिल शपथ-पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रलय के अवर सचिव दीपक कुमार ने कहा कि कोर्ट से आग्रह किया जाता है कि सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने के आदेश को निलंबित रखा जाए. सरकार ने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर राष्ट्रीय गान को अनिवार्य रूप से बजाने के बारे में दिशा-निर्देशों के लिए गृह मंत्रलय की अध्यक्षता में अंतरमंत्रलयी समूह का गठन किया गया है जो अपनी रिपोर्ट छह माह में देगा.
इस कमेटी का गठन 5 दिसंबर को किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर में केंद्र सरकार से कहा था कि वह इस बारे में फैसला करे कि राष्ट्रीय गान कहां बजना चाहिए और कहां नहीं. कोर्ट ने यह बात तब कही थी जब पीठ के ही एक जज जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने राष्ट्रीय गान को सिनेमाघरों में बजाने के आदेश का विरोध किया था. उन्होंने कहा था कि सिनेमाघरों में लोग मनोरंजन के लिये जाते हैं वहां उन्हें अपनी आस्तीन पर राष्ट्रवाद ओढ़कर जाने की जरूरत नहीं है।
इनपुट-HM