बिहार में कैश किल्लत से आम लोगों के बीच हाहाकार मचा मचा है. इस मामले ने अब राजनीतिक रंग भी पकड़ लिया है. विपक्षी नेता कैश की कमी के लिए मोदी सरकार को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं. जबकि NDA नेताओं ने केंद्र से इस मामलें को गंभीरता से लेने को कहा है. उधर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि हमने देश में करेंसी की समीक्षा की है और फिलहाल जरूरत से ज्यादा पैसा उपलब्ध है. नोटों की आचनक हुई कमी का कारण कुछ इलाकों में बढ़ी खपत है जिसका निपटारा किया जा रहा है.
पूर्व शिक्षा मंत्री और जदयू नेता अशोक चौधरी ने कैश किल्लत पर कहा कि इस मामले में भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार को पहल करनी चाहिए. लोगों को कैश की कमी की वजह से काफी परेशानी हो रही है.
जबकि बिहार सरकार में पशुपालन मंत्री और लोजपा नेता पशुपति कुमार पारस ने कहा कि इस समस्या पर केंद्र सरकार को तुरंत ध्यान देना चाहिए. बड़े लोगों ने दो हजार के नोटों से अपनी तिजोरी भर ली है.
बता दें कि पिछले दो-तीन महीनों से बिहार के अधिकतर एटीएम खाली पड़े हैं. इनके आगे ‘नो कैश’ की तख्तियां टंगी हुई हैं. शुरू में हर शहर के कुछ एटीएम में कैश रहता था, पर अब लगभग सारी मशीनें खाली पड़ी हैं. कैश का संकट नोटबंदी के काल जैसी शक्ल ले रहा है. अब इस कैश क्राइसिस से आम आदमी की मुश्किलें तो बढ़ी ही है, व्यवसायियों को भी काफी नुकसान हो रहा है.