देश को आजाद हुए करीब 70 साल गुज़र चुकें हैं, लेकिन लोगों कि मानसिकता आज भी वही गुलामों वाली बनी हुई है। आज भी हम अपनी धकियानुसी परंपराओं से घिरे हुए हैं। आजादी से पहले सती प्रथा जैसी कुप्रथा तो खत्म हो गई लेकिन दहेज प्रथा जैसी कुरीति आज भी हमारे समाज में मौजूद है। दहेज के लिए हर साल न जाने कितनी लड़कियों को मौत के मुंह में झोक दिया जाता है। ऐसा ही एक मामला यूपी के आजमगढ़ से सामने आया है, जहां महज दो लाख रुपए के लालच में ससुरालवालों ने अपनी नई नेवली बहू को जिंदा जला डाला।
रिपोर्ट के मुताबिक, आजमगढ़ जिले के कन्धरापुर थाना क्षेत्र के जोलहापुर गांव के निवासी भोला जायसवाल कि पुत्री श्वेता जायसवाल की शादी अभी इसी महीने की 3 तारीख को आजमगढ़ के जोलहापुर गांव के निवासी विकास जायसवाल से हुई थी। शादी को अभी 1 महिने भी नहीं हुए थे कि दहेज के लोभियों ने अपना वहशीपना दिखाते हुए श्वेता जायसवाल को जिंदा जला ड़ाला। स्थानिय लोगों का कहना है कि भोला जायसवाल ने अपनी पुत्री की शादी में अपने सामर्थ्य से अधिक का दहेज दिया था, लेकिन श्वेता के ससुराल वालों को और अधिक पैसे चाहिए थे।
भोला जायसवाल ने बताया कि शादी के तुरंत बाद ही श्वेता के ससुराल वालों ने श्वेता से 2 लाख रुपये नगद मांगना शुरू कर दिया था। क्योंकि, भोला जायसवाल के पास अब और दहेज देने के लिए पैसे नहीं थे इसलिए श्वेता के ससुराल वालों ने उसे आग से जला डाला। 21 दिसंबर की रात को ससुराल वालों ने श्वेता पर केरोसीन का तेल डालकर जिंदा जला डाला। पुरी तरह से झुलस चुकी श्वेता की वाराणसी ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। हालांकि, अपनी मौत से पहले श्वेता ने अपने ससुरालवालों के खिलाफ बयान दिया।
पुलिस को दिये गए बयान में श्वेता ने बताया कि 2 लाख रुपये दहेज देने से मना करने के बाद से ही उसे प्रताड़ित किया जा रहा था। फिल्हाल इस मामले में श्वेता के सास, ससुर सहित तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कि जा रही है। लेकिन, सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर कब तक बेटियों को इस तरह दहेज के राक्षण अपना शिकार बनाते रहेंगे। आखिर कब तक इस कुरीति के कारण हर साल हज़ारों लड़कियां आग के हवाले कि जाती रहेंगी। श्वेता का यह मामला खुद को सभ्य और समझदार कहने वाले समाज के लोगों के मुंह पर दोहरा तमाचा है।
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