शहर के 17 हजार घरों को दिसंबर 2020 से पाइप लाइन से रसोई गैस मिलनी शुरू हो जाएगी। गेल इंडिया लिमिटेड खाद कारखाने तक गैस पाइप लाइन बिछा चुका है। टोरेंट गैस ने सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन प्रोजेक्ट के तहत गोरखपुर, कुशीनगर और संतकबीरनगर में गैस पाइप लाइन बिछाने के लिए 215 किलोमीटर में सर्वे का काम पूरा कर लिया है। पहले चरण में गोरखपुर के 17 हजार घरों में पाइप से गैस पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
टोरेंट गैस को तेल नियामक पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने सीएनजी एवं पाइपलाइन से प्राकृतिक गैस की खुदरा बिक्री का लाइसेंस सितंबर 2018 में दिया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 22 नवंबर को इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की। इसके अंतर्गत टोरेंट गैस को गोरखपुर, कुशीनगर और संतकबीरनगर जिले के 1.78 लाख घरों में आठ वर्षों चरणबद्ध तरीके से पाइप लाइन के जरिए गैस पहुंचाना है। कंपनी ने सहजनवा के खानीपुर से शुरू कर 215 किलोमीटर तक रूट सर्वेक्षण पूर्ण कर लिया है। लोक निर्माण विभाग में 48 किलोमीटर तक पाइप लाइन डालने के लिए आवेदन भी कर दिया है। एनएचएआई, रेलवे, सिंचाई विभाग और वन विभाग से स्वीकृतियां लेने की प्रक्रिया चल रही हैं।
सहजनवा के खानीपुर स्थित गेल के एसवी स्टेशन-8 से सिटी गैस स्टेशन को गैस मिलेगी। यहां से कुशीनगर, संतकबीरनगर और गोरखपुर के लिए पाइप लाइन बिछाई जाएगी। पाइप लाइन एनएच-28 से गोरखपुर शहर, पिपराइच, कप्तानगंज, बोदरवार, रामकोला होते हुए पडरौना और कुशीनगर तक जाएगी। इसी तरह कुशीनगर जाने वाली पाइप लाइन भी एनएच-28 से होते हुए जगदीशपुर, हाटा, कसया और कुशीनगर जाएगी। संतकबीरनगर की पाइप लाइन गीडा, सहजनवा, भीटीरावत, मगहर होते हुए खलीलाबाद तक जाएगी। टोरेंट कंपनी ने कोलकाता की एक कंपनी से पाइप मंगाना शुरू कर दिया है। गेल के सहजनवा स्थित एसवी-8 स्टेशन के निकट ही स्टोर बनाया गया है। स्टोर में काफी मात्रा में पाइप पहुंच चुकी है।
सीएनजी फिलिंग स्टेशन और पीएनजी सुविधा शुरू होने से सबसे ज्यादा पर्यावरण पर असर पड़ेगा। शहर में प्रदूषण कम होगा। डीजल और पेट्रोल से सीएनजी सस्ता होने के कारण सार्वजनिक परिवहन सेवाएं सस्ती होंगी। कॉमर्शियल वाहनों से माल की ढुलाई भी सस्ती होगी। लोगों के घरों में पीएनजी पहुंचेगी तो एलपीजी पर निर्भरता कम होगी। सिटी गैस सेवा के लिए पाइप लाइन बिछाने के लिए रूट सर्वेक्षण हो चुका है। विभिन्न विभागों से स्वीकृतियां मिलते ही कार्य शुरू करा दिया जाएगा। पहले चरण में गोरखपुर के 17 हजार घरों में गैस पहुंचाने का लक्ष्य है। अविनाश कुमार सिंह, एजीएम प्रोजेक्ट, टोरेंट गैस