अब 30 अगस्त 2018 से पहले निर्मित सभी कॉलोनियों और अपार्टमेंटों को रेरा के पंजीकरण से मुक्ति मिल गई है। शर्त यह है कि उस कॉलोनी या अपार्टमेंट में एक भी मकान या प्लैट की रजिस्ट्री हो चुकी हो। राज्य सरकार ने यह बड़ा फैसला मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया। इस फैसले से जहां रजिस्ट्री के लिए भटक रहे हजारों लोगों को राहत मिलेगी, वहीं बिल्डरों के फंसे हुए प्रोजेक्ट भी आगे बढ़ सकेंगे। वहीं रेरा में निबंधन की अनिवार्यता के चलते रजिस्ट्री बंद होने के कारण निबंधन विभाग को हो रहे नुकसान से भी निजात मिलेगी। दरअसल राज्य में एक मई 2017 को राज्य में रीयल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) का गठन हुआ था। उस तिथि से राज्य में वे सभी रीयल एस्टेट प्रोजेक्ट रेरा की जद में आ गए थे, जो या तो शुरू हो रहे थे या फिर बनने की प्रक्रिया में थे। रेरा की पहल और राज्य सरकार के निर्देश पर निबंधन विभाग ने रेरा में गैर निबंधित सभी प्रोजेक्टों में रजिस्ट्री रोक दी थी।
पुलिस बहाली में एससी और एसटी महिलाओं को लंबाई में मिली छूट कैबिनेट के अन्य फैसले में दारोगा बहाली में होने वाली दौड़ में राज्य सरकार ने अभ्यर्थियों को राहत दी है। छह मिनट की जगह अब 6.30 मिनट का समय अभ्यर्थियों को एक मील की दौड़ लगाने के लिए मिलेगा। इसी प्रकार अनुसूचित जाति-जनजाति महिलाओं की लंबाई का मानक 1.60 सेमी से घटाकर 1.55 सेमी कर दिया गया है। अंतिम मेधा सूची में अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के लिए न्यूनतम अंक 32, अतिपिछड़ा वर्ग के लिए 34, पिछड़ा वर्ग के लिए 36 और सामान्य वर्ग के लिए 40 अंक लाना अनिवार्य होगा। मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत ई-रिक्शा की खरीद की स्वीकृति कैबिनेट ने दे दी। इसके तहत ई-रिक्शा की कीमत का 50 फीसदी अधिकतम 70 हजार राज्य सरकार अनुदान देगी।
सरकारी अस्पतालों में मरीजों को मिलेगी पोशाक राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालों, जिला/सदर अस्पतालों में भर्ती मरीजों को राज्य सरकार पहनने के लिए सूती कपड़े की पोशाक देगी। मरीजों के शीघ्र स्वस्थ होने और उनकी स्वच्छता की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है। पोशाक योजना की शुरुआत पहले चरण में चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालों से शुरू होगी। छह सप्ताह के अंदर इसका लाभ मिलने लगेगा। बाद में सभी अस्पतालों में यह सुविधा मरीजों को मिलेगी। बुनकरों से वस्त्र की खरीद होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया।
विशेष व्याघ्र संरक्षण बल गठित होगा पश्चिम चंपारण के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में विशेष व्याघ्र संरक्षण बल गठित होगा। बाघों की सुरक्षा को लेकर यह निर्णय लिया गया है। उच्च न्यायालयों में कार्यरत आदेशपालों को वर्दी भत्ता के रूप में सालाना पांच हजार मिलेंगे। न्यायाधीशों के साथ रहने वाले आदेशपालों को वर्दी भत्ता 10 हजार 651 मिलेगा। दरभंगा के देकुली से सिसौनी 21.57 किलोमीटर लंबी सड़क के चौड़ीकरण के लिए 48.89 करोड़ की स्वीकृति दी गई।
वर्षों पहले तैयार प्रोजेक्ट भी फंस गए थे रेरा में गैर निबंधित सभी प्रोजेक्टों में रजिस्ट्री रोके जाने से तमाम ऐसे प्रोजेक्ट भी फंस गए थे, जो वर्षों पहले तैयार हो गए थे और उनमें कुछ की रजिस्ट्री भी हो चुकी थी। इस रोक के बाद निबंधन विभाग में रजिस्ट्री का आंकड़ा बहुत गिर गया। इससे सरकार को राजस्व का लगातार भारी नुकसान हो रहा था। वहीं हजारों की संख्या में लोग भी भटक रहे थे। हालांकि अब नगर विकास एवं आवास विभाग को भी अपने नियम-कानूनों को नए सिरे से देखना होगा। दरअसल अपार्टमेंट ओनरशिप एक्ट-2006 में हर प्रोजेक्ट के लिए पूर्णता प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य है।