बिजली विभाग का एक कर्मचारी है श्रीनिवास. ये बिना हेलमेट के गाड़ी हौंक रहे थे. ट्रैफ़िक पुलिस ने इनको कोन्टे में लिया और 500 रुपये का चालान चिपका दिया. श्रीनिवास ने रिक्वेस्ट की, सर छोड़ दीजिए, गलती हो गई, दुबारा से नहीं होगा. पुलिस वाले नहीं माने और इनसे 500 रुपल्ली निकलवा के ही माने. अब यहां पे श्रीनिवास के अंदर का अपरिचित जागा. श्रीनिवास अपने दफ्तर गए और इन्होंने पुलिस वालों को सबक सिखाने के लिए थाने की बिजली काट दी।
श्रीनिवास ने अपने ऑफिस पहुंच कर गरुड़ पुराण नहीं निकाली होगी. इन्होंने जरूर ‘इलेक्ट्रिकल पावर सिस्टम प्लानिंग एंड ऑपरेशन’ सरीखे मोटे नाम की कोई मोटी किताब निकाली होगी और निकाला होगा पुलिस थाने के बिल का बकाया. श्रीनिवास ने खबरिया चैनलों को बताया कि पुलिस स्टेशन का 6 लाख का बिल बकाया है और ये हमको नियम-कानून पढ़ा रहे हैं. चालान के समय उन्होंने पुलिस वालों से खूब क्षमा-याचना की थी लेकिन पुलिस ने एक न सुनी थी. तभी इन्होंने तय कर लिया कि इनको सबक सिखाना है।
हमारे संविधान निर्माता जहां कहीं भी होंगे ‘कानून के राज’ के धज्जियां उड़ते देख बड़े दुखी होंगे. उन्होंने पूरा जीवन इसी में खपा दिया कि देश संविधान के हिसाब से चले. गरुड़ पुराण और ‘इंस्टेंट रिवेंज’ से नहीं. और यहां एक-दूसरे से बदला लेने के लिए छीछालेदर की जा रही है।