इतने सालों में पहली बार देख रही हूँ। छठ पूजा भी अब सेलेब्रिटी पर्व बन चुकी है। हां, सच ही तो है। आज कल पर्व भी तो वही हिट है जो बिकता हो। दिखता हो। पिछले कई सालों से गौर करें तो गरबा, डांडिया ने जितनी तेज गति से रीजनल से अपनी इंटरनेशनल पहचान बनाई है । किसी की नहीं बनी। इस साल लगातार छठ को लेकर इतने स्टेटस अपडेट, वीडियो सांग, सिंगल्स, जिंगल्स बनाये जा रहे हैं। फनी से लेकर इमोशनल हर तरह के। यही नहीं इंटेलेक्चुअल स के डिस्कशन बोर्ड में भी छठ की चर्चा जोरों पर हैं। कई एंगल्स से विचार लिखे जा रहे।
ओपीनियन पीसेस लिखे जा रहे। फ़ूड चैनलों में ठेकुआ की रेसिपी दोहराई जा रही। आज ही एक विज्ञापन दिखा। बिग बाजार का। दिवाली में जैसे दिये भारी दामों में मॉल में बिकने शुरू हो चुके हैं। इस साल से मिट्टी के चूल्हे जिसपर छठ व्रत का प्रसाद बनता, अब मार्केट पकड़ता नज़र आ रहा। अब तय मानिये कि अगले साल से जिस तरह दिवाली के इस्तिहार से सारे गल्ली मोहहले पट जाते हैं। अगले साल से this छठ के टैगलाइन के साथ कई मार्केटिंग माइंड विज्ञापन बनाने में अभी से जुट जाएंगे। आटा, घी, गुड़ और चीनी के उत्पादकों के लिए यह एक बड़ा बाजार साबित होने जा रहा है। बिहार के सेलेब्रिटीज़ को ब्रांड एम्बेसडर के भी ऑफर मिल सकते हैं। महानगरों में भी कार के म्यूजिक सिस्टम में छठ के गाने अपलोड किए हैं। वजह स्पष्ट है कि छठ के गाने में वह मिठास रही है। लेकिन यह अब तक एक इग्नोर्ड, देहाती पर्व के पूर्वधारणाओं के रूप में ही देखा जाता रहा है।
यह भी संभव है कि गोल्ड ज्वेलरी के विक्रेता अगले साल से दीवाली से लेकर आफर की बरसात छठ तक एक्सटेंड कर दें। इसके बावजूद कि छठ एक निश्चल, पवित्र और बिना किसी बंधन वाला पर्व है। मगर मार्केटिंग के मठाधीश ऑप्शन तलाश ही लेंगे। वैसे इमोशनल नोट पे कहूँ तो छठ का ये सेलेब्रिटी स्टेटस ठीक वैसी ही सक्सेस स्टोरी के रूप में नजर आ रही है, जैसे एक देहाती, देसी, गंवई जब उठ कर मेट्रो शहर में अपने सपने को लेकर जाता है। काफी इग्नोर्ड होने के बाद, अंतत: सेलेब्रिटी स्टेटस का हकदार बनता है। कुछ कुछ इरफान, पंकज त्रिपाठी, नवाजुद्दीन जैसे कलाकारों की सक्सेसफूल जर्नी की तरह ही। जो पहले इग्नोर होते हैं। फिर एक्सप्लोर होते हैं। लेकिन अंत में वहीं सफलता की कदमताल पर सक्सेस ऑन फ्लोर होते हैं। कम्पटीशन में गरबा, डांडिया, करवा चौथ ने कम टक्कर नहीं दी।
भला हो डिजिट मीडिया का कि उसने छठ को जैसे एक रियलिटी शो का मंच दे दिया है और वीडियो के बहाने छठ पर्व के खूबसूरत 4 दिनों के जश्न की परत दर परत रैपर खोलने में भूमिका निभा दी। वरना तो एक फेमस सेलेब लेखिका ने तो अपनी सो कोल्ड हाई क्लास किताब में छठ की खूबसूरती और सीरत को बनाना चिप्स ककॉकटेल प्रसाद तक ही सीमित कर दिया होता और हाई क्लास जमात उसे ही इतिहास मान कर छट्ठ को गाउटी फेस्ट मानकर ही चैप्टर क्लोज कर दिया होता।
अनुप्रिया वर्मा के फेसबुक वॉल से साभार