जो भी कश्मीरी बहनों, व बेटियों की तरफ मैली नजर करें उनको देंगे मुँह तोड़ जवाब,
खालसा निहंग (फोजों) सिख जत्थेबंदियों का सारी अवाम को खुला ऐलान
जो दंश सिक्खों ने 84 में झेला वो कश्मीरियों के साथ कभी नही होने देंगे,
श्री अकाल तख्त साहिब (सिक्खों की सिरमौर संस्था) से फ़रमान (हुक्म) जारी
हर सिख देश में कहीं भी अगर कश्मीरी बहन बेटियां मुसीबत में हो तो उनकी रक्षा हर कीमत पर करें,
 
 
 
सिख संसथाओं ने 4 लाख खर्च करके बाई एअर कशमीरी बेटियों को महाराष्ट्र् से श्रीनगर उनके घर सकुशल पहुंचाया
इसलिए गर्व महसूस होता है अपने गुरु साहिबान की शिक्षा पर
मान महसूस होता है, जीओ खालसा जीओ,
मरती हुई इंसानियत की आस हो तुम

जब हिदू धर्म खतरे में था तब भी चट्टान बन कर गुरु साहिब आगे आये व व आज उन गुरुओं के बताए नक्शेकदम पर उनके अनुयायी भी चलकर ये साबित कर रहें हैं की सिख धर्म किसी एक खित्ते के लिए नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए सांझी वालता का संदेश देता है व जो भी मजलूम हो वो चाहे किसी भी धर्म का गुरु के सिख बीना भेद भाव किये अपनी बाहें पसार देते हैं मदद के लिए, धन्य हैं इनके गुरु, व धन्य हैं इनके सिख,🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
 
धारा 370 हटने के बाद कश्मीरी लड़कियों को लेकर सोशल मीडिया और बीजेपी नेताओं के आ रहे विवादित बयानों के चलते अकाल तख्त के एक जत्थेदार ने शुक्रवार को सिख समुदाय से कश्मीरी लड़कियों की सुरक्षा की अपील की।
जिसके बाद अब सिख संगठन कश्मीरी लड़कियों की हिफाजत को आगे आ रहे है।खालसा निहंग (फोजों) सिख जत्थेबंदियों ने ऐलान किया है कि अगर जिस किसी ने भी कश्मीरी बहनों, व बेटियों की तरफ मैली नजर डाली तो उनको मुँह तोड़ जवाब देंगे।

UAE HINDI
@UAEHINDI

अपने बयान में खालसा निहंग ने कहा, जो दंश सिक्खों ने 84 में झेला वो कश्मीरियों के साथ कभी नही होने देंगे। बता दें कि श्री अकाल तख्त साहिब (सिक्खों की सिरमौर संस्था) से फ़रमान (हुक्म) जारीकिया है हर सिख देश में कहीं भी अगर कश्मीरी बहन बेटियां मुसीबत में हो तो उनकी रक्षा हर कीमत पर करें।
 
जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि ईश्वर ने सभी मनुष्यों को एकसमान अधिकार दिए हैं। इसी वजह से किसी के भी साथ लिंग, जाति और धर्म के आधार भेदभाव करना अपराध है। उन्होने कहा, अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद सोशल मीडिया पर कश्मीरी लड़कियों के खिलाफ जिस तरह की टिप्पणियां चुने हुए प्रतिनिधि कर रहे हैं वो ये केवल अपमानित करने वाली बल्कि अक्षम्य हैं।

उन्होंने किसी भी व्यक्ति या समुदाय का नाम लिए बिना कहा कि कश्मीरी महिलाओं को निशाना बनाने वाली ये वहीं भीड़ है और ठीक उसी तरह प्रतिक्रिया कर रही है जैसा 1984 दंगो के दौरान उन्होंने शिख महिलाओं के खिलाफ की थी। कश्मीरी महिलाएँ हमारे समाज का हिस्सा हैं। उनके सम्मान की रक्षा करना हमारा धार्मिक कर्तव्य है। कश्मीरी महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए सिखों को आगे आना चाहिए। यह हमारा कर्तव्य है और यह हमारा इतिहास है।

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