केंद्र सरकार लगातार मुस्लिम महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए कार्यरत हैं. बताया जा रहा है कि ट्रिपल तलाक इन महिलाओं के लिए नासूर बना गया था. जिसको अब से अपराध माना जाएगा. बताया जा रहा है कि शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट की एक बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई जिसमें एक विधेयक को मंजूरी दी गई है, जो मुसलिम महिला के विवाह व अधिकारों से संबंधित है. कहा जा रहा है कि इस बील को अब संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा.
जिसके पारित होने की काफी उम्मीद नजर आ रही है. जो मुस्लिम महिलाओं को दिये जाने वाले तलाक पर रोक लगाने संबंधी प्रावधानों को लेकर तैयार किया गया है. ज्ञात हो कि अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने मुसलिम समाज में जारी तीन तलाक को अवैध घोषित करते हुए उस पर रोक लगा दी थी और सरकार को इस संबंध में एक तय समय में कानून बनाने का निर्देश दिया था.
हालांकि कि तीन तलाक को सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक करार पुरे देश के करीब 68 मामले प्रकाश में आई थी. कथित तौर और इस बील को सरकार मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरेज बिल का नाम दे सकती है. इस बिल में तलाक दिये जाने को आपराधिक कृत्य बताया गया है और बेहद कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई वाली अंतर मंत्रालयी समूह द्वारा तैयार किया गया इस बिल पर यदि कानून बन जाएगी तो फोन, एसएमएस व वाट्सएप पर तलाक दिये जाने पूरी तरह से प्रतिबन्ध लग जाएगा.