अभी दो दिनों पहले ही देश के गुजरात में भूकम्प के झटके महसूस किये जाने की खबरों ने यहां के लोगों को हिलाकर रख दिया. हालांकि भुकम्प के झटके हल्के थे, जिसमें किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन फिर भी लोगों की नींद जरुर उड़ गये हैं. उसके बाद एक बार फिर से मीडिया में भूकम्प को लेकर एक ऐसा खबर चल रही है, जिसके माध्यम से लोगों को पहले से सर्तक किया जा रहा है.

हिंदी न्यूज़ साईट जागरण की माने तो UP और नेपाल से सटे उत्तराखंड में विनाशकारी भूकंप आ सकते हैं. यहां पर ये भूकंपीय फॉल्ट भविष्य में सात रिक्टर स्केल से अधिक तीव्रता के भूकंप लाने की क्षमता रखते हैं. वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के ‘एक्टिव टेक्टोनिक्स ऑफ कुमाऊं एंड गढ़वाल हिमालय’ नामक ताजा अध्ययन में इस बात का खुलासा किया गया है. सबसे अधिक 29 फॉल्ट उत्तराखंड की राजधानी दून में पाए गए हैं. गंभीर यह कि कई फॉल्ट लाइन में बड़े निर्माण भी किए जा चुके हैं. गढ़वाल में कुल 57, जबकि कुमाऊं में 77 सक्रिय फॉल्ट पाए गए.

संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आरजे पेरुमल के मुताबिक भूकंपीय फॉल्ट का अध्ययन करने के लिए गढ़वाल व कुमांऊ मंडल को अलग-अलग जोन में विभाजित किया गया. फॉल्ट की पहचान के लिए सेटेलाइट चित्रों का सहारा लिया गया. इसके बाद धरातल पर जाकर हर एक फॉल्ट की लंबाई नापी गई और उनकी सक्रियता का भी पता लगाया गया.

जागरण के अनुसार एक अध्ययन में पता चला कि इन सभी फॉल्ट में कम से कम 10 हजार साल पहले सात व आठ रिक्टर स्केल तक के भूकंप आए हैं. जबकि इनकी सक्रियता यह बता रही है कि भविष्य में इनसे कभी भी सात रिक्टर स्केल से अधिक तीव्रता का भूकंप आ सकता है. कुमाऊं मंडल में रामनगर से टनकरपुर के बीच कम दूरी पर ऐसे भूकंपीय फॉल्टों की संख्या सबसे अधिक पाई गई.

वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आरजे पेरुमल के मुताबिक हिमालयी क्षेत्र में अब तक ऐसा अध्ययन नहीं किया गया था. लिहाजा, फॉल्ट लाइन पर भी निर्माण किए जा चुके हैं. जबकि सक्रिय फॉल्ट लाइन पर धरातलीय हलचल जारी रहते हैं. इस भाग पर पुराने पहाड़ नए पहाड़ पर चढ़ते रहते हैं.

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