मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को खान एवं भूतत्व विभाग के आला अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि ऐसी व्यवस्था की जाए, जिससे बालू के कारोबार पर किसी का एकाधिकार नहीं रहे। मुख्यमंत्री के समक्ष खान एवं भूतत्व विभाग की ओर से नई बालू नीति 2019 का प्रजेंटेशन दिया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने खनन से संबंधित कई हिदायतें दीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन कार्य के अनुश्रवण व उस पर नियंत्रण के लिए ड्रोन एवं सेटेलाइट का प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्व के पहाड़ों को संरक्षित रखना है। पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ से बचने की जरूरत है। वैसे पहाड़ की जांच विशेषज्ञ से करा लेनी चाहिए, जिन्हें खुदाई के लिए चिह्नित किया गया है।
खान एवं भूतत्व विभाग ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से यह जानकारी दी कि नई बालू नीति-2019 का उद्देश्य अवैध खनन पर रोक लगाना है। नदियों की गुणवत्ता, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखना तथा स्वामित्व एवं अन्य करों की वसूली सुविधाजनक तरीके से हो नई नीति के मुख्य तत्व हैैं। खान एवं भूतत्व विभाग की प्रधान सचिव हरजोत कौर ने इस मौके पर पत्थर भूखंडों की बंदोबस्ती की पृष्ठभूमि से संबंधित एक प्रेजेंटेशन दिया।
इस मौके पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, खान एवं भूतत्व मंत्री बृजकिशोर बिंद, मुख्य सचिव दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव मनीष कुमार वर्मा, अनुपम कुमार तथा अपर सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय चंद्रशेखर सिंह भी मौजूद थे।