एक महिला के अपने पति के अलावा दुसरे मर्दों से अवैध संबंध थे. उनमें से एक को महिला ने घर बुलवाकर उसकी हत्या करवा दी. पहले तो महिला ने उसे फोन पर झांसा देकर बुलाया, फिर उसे जी भरकर शराब पिलाया. उसके बाद एक कमरे बंद करके अपने दोस्त के साथ मिलकर उसकी हत्या कुदाल से काटकर कर दी. यह वारदात नवीनगर के नारायणपुर गांव की है. जहां यह भी खबर है महिला के दोस्त और उसके प्रेमी के बीच शराब तस्करी के धंधे में पार्टनरशिप को लेकर विवाद हुआ था.
जिसकी हत्या की गयी है उसका नाम ओमप्रकाश कुमार है. करीब 45 वर्ष का ओमप्रकाश रोहतास जिले के नोखा थाना क्षेत्र के लालगंज गांव का रहने वाला था. पुलिस ने उसके बॉडी को नारायणपुर के पास से बरामद किया है. बॉडी का पोस्टमार्टम कर परिवार के लोगों को सौंप दिया गया है. इस मामले में पुलिस ने आरोपी उसके दोस्त चंदन चौहान, प्रेमिका प्रियंका देवी और इसका पति धीरज चौहान को अरेस्ट कर लिया है. पूछताछ में आरोपियों ने अपने गुनाह को कबूल किया है.
ऐसा कहा जा रहा है कि हत्यारा दोस्त चंदन चौहान व उसकी प्रेमिका प्रियंका देवी मृतक को पांच मार्च को फोन कर नारायणपुर बुलायी थी. प्रियंका का मृतक ओमप्रकाश के साथ-साथ उसके दोस्त चंदन के साथ भी अवैध संबंध था. इसी संबंध के वजह से एक फोन कॉल पर मृतक अपने प्रेमिका से मिलने खैरा थाना के नारायणपुर गांव पहुंचा. जहां पहले उसे शराब पिलाया गया. फिर कुदाल से काट-काटकर उसकी निर्मम हत्या कर दी गई. हत्या में दोस्त और प्रेमिका के साथ-साथ उसका पति भी शामिल था.
शराबबंदी के बाद आरोपी दोस्त चंदन व मृतक ओमप्रकाश रातोरात अमीर बनने की चाह में शराब तस्करी का धंधा शुरू किया था. दोनों झारखंड से शराब लाते और कई गुना अधिक दामों पर यहां बेच देते थे. इसी धंधे में दोनों के बीच हिस्सेदारी को लेकर विवाद हो गया. आेमप्रकाश के पास कुछ पैसे आरोपी का निकल रहा था. जिसे देने से वह इनकार कर रहा था. इसके साथ-साथ हाल के दिनों में मृतक अपने दोस्त के चुपके भी शराब के काराेबार में लगा हुआ था. यही बात आरोपी को नागवार गुजरा.
पांच मार्च को अचानक घर से गायब होने के बाद मृतक के भाई रामसूरत चौधरी ने रोहतास के नोखा थाना में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया. जिसके बाद पुलिस उसकी खोजबीन में जुट गई. जब उसके माेबाइल का कॉल डिटेल्स खंगाला गया तो सच से पर्दा उठ गया. उसका माेबाइल लोकेशन खैरा थाना के नारायणपुर बता रहा था. जिसके बाद नोखा थानाध्यक्ष शशिभूषण प्रसाद ने खैरा थानाध्यक्ष रंजीत कुमार से संपर्क साधा. मामले की जानकारी दी. जिसे खैरा थानाध्यक्ष ने गंभीरता से लेते हुए मामले की तहकीकात शुरू की. जिसके कुछ ही दिनों के बाद सबकुछ सामने आ गया.