फ़र्रका के मुर्शिदाबाद जिला के दौलताबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत पद्दाशाखा नदी में खचाखच यात्री से भरी सरकारी बस गिर जाने से 40 से भी अधिक यात्रियों की मौत हो जाने आशंका है. राहत कार्य में लगे कर्मियों ने अब तक पानी से 36 शव को बाहर निकाल लिया है. जिसमें तीन महिला व एक बच्चा शामिल है. जबकि 14 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. घायलों का इलाज बहरमपुर जिला अस्पताल में किया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, सोमवार की सुबह लगभग 65-70 यात्री से भरी एक सरकारी बस करीमपुर से बहरमपुर की ओर तेजी से जा रही थी.
चालक मोबाइल से कर रहा था बात
पानी से सुरक्षित बाहर आये यात्रियों के मुताबिक, काफी घना कोहरा था. चालक काफी लापरवाही पूर्वक बस को चला रहा था. यात्रियों के मुताबिक, चालक मोबाईल से बात करने में व्यस्त था. एक हाथ से ही बस का स्टेयरिंग संभालते हुए तेज रफ्तार से ओवरटेक भी कर रहा था. इसी क्रम में जैसे ही वाहन पददाशाखा नदी के समीप पहुंची बालिघाटा के उपर नदी पर बने ब्रिज का रेलिंग को तोड़ते हुए बस सीधे असंतुलित हो कर नदी में जा गिरी.
आशंका जताया जाता है कि 40 से अधिक यात्रियों की मौत हुई है. इधर घटना की जानकारी मिलते ही डीएम पी0 उल्गानाथन व एसपी मुकेश कुमार सदल-बल घटना स्थल पर पहुंच कर नदी से बस व यात्री के शव को निकालने में जुट गये. वहीं घटना की सूचना मिलते ही काफी संख्या में आस-पास के लोग भी वहां पहुंच गये.
आक्रोशित भीड़ ने पुलिस वाहन पर किया पथराव
घटना के बाद मौके पर देर से पहुंची पुलिस पर घटना स्थल पर जमे भीड़ आक्रोशित हो उठे और पुलिस जीप पर पथराव शुरू कर दिया. इधर मौके पर पहुंचे एसपी मुकेश कुमार ने सूझ-बूझ दिखाते हुए तुरंत स्थिति को नियंत्रित किया और तेजी से शव व बस को बाहर निकालने की दिशा में काम शुरू कर दिया. तुरंत घटना स्थल पर क्रेन भी मंगाया गया. वहीं काफी संख्या में राहत टीम व गोताखोर को भी लगाया गया.
घटना स्थल पर पहुंची सीएम, पदाधिकारियों को दिये निर्देश
पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी घटना की सूचना मिलते ही घटना स्थल पर पहुंच कर पूरे मामले की जानकारी ली. घटना को लेकर दु:ख प्रकट करते हुए घटना स्थल पर उन्होंने घोषणा की कि मृतक के परिजनों को पांच-पांच लाख रूपये का सहयोग सरकार करेगी. इसके अलावा गंभीर रूप से घायलों को एक-एक लाख व सामान्य रूप से घायल को 50-50 हजार रूपये सहायता के रूप में देगी.
वहीं सीएम ममता बनर्जी ने बहरमपुर जिला अस्पताल पहुंच कर घायलों की स्थिति की भी जानकारी ली. उन्होंने मौके पर मौजूद डीएम पी0 उल्गानाथन व एसपी मुकेश कुमार से मामले की जानकारी लिया और राहत कार्य में तेजी लाने का भी निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि इस कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. आम लोगों से भी उन्होंने इस घड़ी में सहयोग की अपील की. उपरोक्त मौके पर राज्य के परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी के अलावे अन्य मौजूद थे.
13 घंटे में निकाले गये 36 यात्रियों के शव
घटना के बाद राहत कार्य में जुटे कर्मियों ने लगभग 12 घंटे के मेहनत के बाद कुल 36 यात्रियों के शव को बाहर निकाला है. अंधेरा होने के कारण देर शाम कुछ देर के लिए राहत कार्य को रोक कर लाईटिंग की व्यवस्था प्रशासन ने करायी, जिसके बाद पुन: राहत कार्य शुरू किया गया. जानकारी के मुताबिक, सोमवार की अहले सुबह करीब 6 बजे यह दुर्घटना हुई थी. घटना के बाद दिन भर मौके पर प्रशासन व आस-पास के लोगों का हुजूम लगा रहा.
राहत कार्य के लिए प्रशासन ने चार क्रेन के अलावा दर्जन भर नाव को भी लगाया है. बहरहाल प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो 40 से भी अधिक लोगों की मौत होने की आशंका बनी हुई है. अब तक बस को पानी से बाहर नहीं निकाला जा सका था. प्रशासन पहले बस में फंसे यात्रियों के शव को पानी से बाहर निकालने में जुटी है. हालांकि अब तक किसी की पहचान नहीं हो पायी है