भारत में होम्योपैथिक चिकित्सा में एक जाना माना नाम और अपनी प्रतिभा का लोहा पुरे विश्व में मनवा चुके हरिओम होमियो कल्याणपुर के एमडी डॉ. नीतीश दुबे ने एक बार फिर से अपने देश का नाम उंचा कर दिया है. बता दें कि पहली बार किसी होम्योपैथिक चिकित्सक को संयुक्त राष्ट्र की हेल्थ एसेंबली जेनेवा में अभिभाषण का मौका दिया गया है, वो मौका डॉ. नीतीश दुबे को मिला है. जिसकी खबर कई अखबारों ने भी प्रमुखता छापी है. जबकि कई और मीडिया ने इस खबर को जगह दी है क्योंकि ये बिहार ही नहीं बल्कि पुरे देश के लिए फर्क की बात है.
 

बता दें कि डॉ. नीतीश दुबे संयुक्त राष्ट्र संघ के विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा आयोजित 71वीं वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में शामिल होंगे. जो देश के लिए बहुत की गर्व की बात है. इस विश्वस्तरीय आयोजन में 130 देशों के डेलीगेट्स और कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा लेने वाले हैं.
 
जो जेनेवा में 21 से 26 मई तक आयोजित होगी. यहां जलवायु में बदलाव के कारण फैलने वाले रोगों को से लोगों को बचाने में होमियोपैथी दवाओं की भूमिका क्या है, इस पर अपना अपना अनुभव साझा किया जाएगा.
 

डॉ. दुबे इस आयोजन में होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति पर अपनी बात रखने वाले भारत ही नहीं दुनिया के इकलौते होमियोपैथ चिकित्सक हैं. डॉ. दुबे अपनी इस यात्रा के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन के हेड टेड्रोस एधोनोम के साथ मुलाकात करके होमियोपैथी की वैश्विक उपयोगिता एवं इसके पोटेंशियल पर चर्चा करेंगे.
 

इसके साथ ही डॉ. दुबे को जिनेवा के होटल इंटरकांटिनेंटल में होनेवाले गाला डिनर में गेस्ट ऑफ ऑनर मिलेगा. आपको यह बता दें कि यह सभावना जताई जा रही है की इस आयोजन में जर्मनी की वॉइस चांसलर एंजिला मार्कर, फ्रांस के राष्ट्रपति समेत दुनिया के कई अन्य राष्ट्राध्यक्ष के साथ कई अन्य बड़े नेता भी शामिल हो सकते हैं.
 

इस संबंध में डॉ. दुबे यह बताया है कि मैं स्वास्थ्य से जुड़े कई बड़े आयोजनों में देश का और होमियोपैथी का प्रतिनिधित्व कर चुका हूं. 71 वीं वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में शामिल होने का निमंत्रण मिलना हरिओम होमियो कल्याणपुर और खुद मेरे लिए गर्व की बात है.
 

इस संबंध में HariOm Homeo Kalyanpur के तरफ से अपने फेसबुक पेज पर यह लिखा गया है, “पहली बार दुनिया के किसी भी होम्योपैथिक चिकित्सक को संयुक्त राष्ट्र की हेल्थ एसेंबली जेनेवा में अभिभाषण का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, ये सिर्फ हरिओम होम्यो की सफलता नही बल्कि उन तमाम लोगों की सफलता है जिन्होंने समय समय पर प्रोत्साहित कर हमारी ऊर्जा को सम्बल दिया है, अपना स्नेह सदैव इसी तरह बनाये रखें जय माँ दुर्गे…”

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