राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज और कोचिंग 23 जून तक बंद रहेंगे। दक्षिण बिहार के जिलों में 11 से पांच बजे तक बाजार बंद रहेंगे। साथ ही औरंगाबाद, नवादा और गया में निर्माण कार्य भी सुबह 10 बजे के बाद नहीं होंगे। यह निर्णय लू के कहर से लोगों को बचाने के लिए राज्य सरकार ने लिया है। सोमवार को दिल्ली से लौटते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भीषण गर्मी के कारण लू और एईएस से हो रही बच्चों की मौतों की स्थिति पर उच्चस्तरीय समीक्षा की। इसके बाद उन्होंने उक्त निर्देश दिये।

समीक्षा बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी मुख्य सचिव दीपक कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। मुख्य सचिव ने कहा कि एईएस से पीड़ित हुए सभी बच्चों के घर मंगलवार से ही टीम जाएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि बच्चों के परिवार के आर्थिक और सामाजिक स्तर, उस क्षेत्र में गंदगी और कुपोषण की स्थिति, खुले में शौच से मुक्ति और पीने के लिए शुद्ध जल की स्थिति आदि का अध्ययन करेगी। बीमारी के कारणों का पता लगाने के लिए यह अध्ययन किया जाएगा, ताकि भविष्य में बचाव को लेकर एहतियाती कदम उठाये जाएं। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि मैं हमेशा कहता हूं कि खुले में शौच से मुक्ति और पीने के लिए शुद्ध जल मिल जाए तो ग्रामीण क्षेत्रों में 90 प्रतिशत बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगा।

मुख्य सचिव ने कहा कि अगर कोई सरकारी एम्बुलेंस के बजाए निजी गाड़ी से भी मरीज को अस्पताल लाएंगे तो सरकार किराया बाद में उन्हें वापस करेगी। इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी। पहले ही निर्णय लिया गया है कि इस बीमार में मरने वाले बच्चों के परिवार को चार-चार लाख का अनुदान सीएम राहत कोष से दिया जाएगा। आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से ओआरएस का वितरण किया जा रहा है। संबंधित जिलों के प्राथमिक हेल्थ सेंटर में भी एडमिट करने और ग्लूकोज चढ़ाने की व्यवस्था की गई है। सभी संबंधित दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।

समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय, मुख्य सचिव, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व्यास जी, गृह और शिक्षा के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी एवं आरके महाजन, आपदा प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, प्रधान स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार आदि मौजूद थे।

एईएस से अब तक 103 बच्चों की मौत
मुख्य सचिव ने कहा कि मुजफ्फरपुर में एईएस से पीड़ित 440 बच्चे आये। इनमें 129 ठीक होकर घर चले गए हैं। 40 बच्चों को जल्द ही डिस्चार्ज किया जाएगा। 111 का इलाज चल रहा है, जबकि 103 की अब तक मौत हुई है। मुख्य सचिव ने कहा कि पिछले वर्षों की तुलना में बच्चों की मृत्यु का प्रतिशत इस बार कम है। इस साल 26 प्रतिशत बच्चों की मौत अस्पतालों में हुई, जबकि पिछले वर्षों में 35-36 प्रतिशत बच्चों की मौत होती थी। यह बताता है कि सिस्टम पहले से अच्छा काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि सर्वाधिक एईएस से पीड़ित बच्चे मुजफ्फपुर के चांर प्रखंडों मुसहरी, कांटी, मीनापुर और बोचहां से हैं। इसके बाद पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी और वैशाली में इसका प्रकोप अधिक है। उन्होंने कहा कि इस बार अधिक बच्चों के पीड़ित होने का एक कारण यह भी माना जा रहा है कि बारिश नहीं हुई है। बारिश शुरू हो जाने के बाद से इस बीमारी का असर कम होगा।

दो दिनों तक चलेगी लू, अब तक 100 की मौत
लू के कारण अब-तक 100 लोगों की मौत हुई है। लू से प्रभावित 562 लोग अस्तपाल में आये, जिनमें 490 को ठीक किया गया। 23 लोगों की मृत्यु अस्पताल आने से पहले ही हो गई थी। लू से बचाने की भी मुकम्मल व्यवस्था की गई है। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनों तक लू चलेगी। इसके बाद इससे राहत मिलने की उम्मीद है। गर्मी में पेयजल की दिक्कत नहीं हो, इसको लेकर 150 टैंकरों की संख्या बढ़ा दी गई है। इसके माध्यम से पानी लोगों तक पहुंचाया जा रहा है।

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