भाजपा, जदयू, लोजपा, रालोसपा के बाद अब राष्ट्रीय समता पार्टी (सेक्युलर) बिहार एनडीए का पांचवां घटक दल होगा। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के सांसद अरुण कुमार और विधायक ललन पासवान की देख-रेख में इस नई पार्टी रासपा की नींव पड़ेगी। उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव 2019 में सांसद अरुण कुमार रालोसपा की जगह रासपा के बैनर तले चुनाव में उतरेंगे। फिलहाल वरीय नेता व कुशवाहा वर्ग से आने वाले पूर्व सांसद मंजय लाल कुशवाहा के पुत्र अजय कुमार अलमस्त को रासपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा रहा है। नालंदा के अति पिछड़ा नेता ओमप्रकाश बिंद बिहार प्रदेश रासपा के अध्यक्ष होंगे। इस नई पार्टी ने चुनाव चिह्न ‘ट्रैक्टर’ हो सकता है। अभी तकनीकी तौर पर सांसद अरुण कुमार और विधायक ललन पासवान रालोसपा के ही सदस्य बने रहेंगे, क्योंकि पार्टी में टूट होने पर सांसदी पर खतरा आ सकता है। यह देखते हुए राष्ट्रीय और प्रदेश कमेटी में दोनों नेता औपचारिक रूप से शामिल नहीं होंगे।

चुनाव चिह्न ट्रैक्टर
रालोसपा गठन के समय से ही केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और सांसद अरुण कुमार के बीच महत्वाकांक्षा की लड़ाई के कारण मनभेद चलता रहा है। दो अलग-अलग सामाजिक समीकरणों का प्रतिनिधित्व करने वाले इन नेताओं ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव रालोसपा के बैनर तले पंखा चुनाव चिह्न पर लड़ा था। लेकिन, 2019 का लोकसभा चुनाव अरुण कुमार का रासपा के बैनर तले व ‘ट्रैक्टर’ चुनाव चिह्न पर लड़ना लगभग तय है।

28 को पड़ेगी नींव
भाजपा की मोदी लहर के कारण लोकसभा चुनाव में रालोसपा को सौ फीसदी सफलता भी मिली और उसके तीनों सांसद जीत गए। पर विधानसभा चुनाव में दोनों नेताओं के बीच मनभेद के कारण मात्र दो विधायक ही जीत कर सदन में पहुंच पाए। इस चुनाव में टिकट वितरण में उपेंद्र कुशवाहा ने ज्यादा उम्मीदवारों का चयन किया, पर सफलता नहीं मिली। चुनाव परिणाम बाद दोनों नेताओं में मामला और गहरा गया। ऐसे में 28 जून को पटना में कबीर जयंती सह संकल्प सभा के बैनर तले कई और दलों के नेता जुटेंगे और रासपा की नींव रखेंगे।

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