मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार गायघाट के राजद विधायक महेश्वर प्रसाद यादव के पिता के श्राद्धकर्म में शामिल होने के लिए यहां पहुंचे। वे हेलीकॉप्टर से करीब 2 :40 बजे गायघाट उतरे। वहां से सीधे विधायक के गांव मोतनाजे पहुंचे। महेश्वर प्रसाद यादव के पिता को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद वे करीब आधे घंटे तक वहां रुके। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी भी उनके साथ थे।
यूं तो यह एक श्राद्ध कार्यक्रम था, लेकिन इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से एक अलग समीकरण के रूप में देखा जा रहा है। महेश्वर यादव राजद विधायक होते हुए भी सीएम के करीबी रहे हैं। इस क्षेत्र की राजनीति को नजदीक से देखने वाले इसे आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। उनका मानना है कि चुनाव के दौरान विधायक एनडीए के और करीब हो सकते हैं। यह कार्यक्रम के दौरान भी दिखा। एनडीए के कई नेता यहां नजर आए। कुढ़नी के विधायक केदार गुप्ता और बोचहां विधायक बेबी कुमार भी इस आयोजन में थीं। राजद के विधायक सीएम के पहुंचने के समय नहीं दिखे। वे यहां से पहले ही जा चुके थे।
जम्मू-कश्मीर के मसले पर बिहार में भी सियासत गरमाती दिख रही है। इस पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) व कांग्रेस (Congress) ने सवाल उठाए हैं तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इसका समर्थन किया है। दूसरी अोर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में बीजेपी के सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने इस मुद्दे पर बीजेपी का विरोध किया है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने इसे आजाद भारत का काला अध्याय बताया तो पपपू यादव (Pappu Yadav) ने इसे हिटलरशाही करार दिया।
विदित हो कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर में लागू संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों में बदलाव का फैसला किया है। राष्ट्रपति ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार ने आर्टिकिल 35ए (35A) को भी हटा दिया है। साथ ही जम्मू-कश्मीर को दिल्ली की तर्ज पर एक केंद्र शासित प्रदेश बनाते हुए लद्दाख को उससे अलग करते हुए अलग प्रदेश का दर्जा दिया गया है।
जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर केंद्र सरकार के फैसले के बाद एनडीए में बीजेपी के सहयोगी जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने बड़ा बड़ा बयान दिया है। त्यागी ने कहा है कि उनकी पार्टी अपने पुरानेे स्टैंड पर कायम है। जेडीयू जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ है। केसी त्यागी ने कहा कि जेडीयू समाजवाद की डॉ. लोहिया की परंपरा की वाहक है। लोहिया अनुच्छेद 370 के समर्थक थे। एनडीए के गठन के समय जॉर्ज फर्नांडिस ने भी अनुच्छेद 370 कायम रखने का प्रस्ताव रख था। हम लाहिया व जॉर्ज की परंपरा के वाहक हैं। केसी त्यागी ने कहा कि पार्टी इस मुद्दे पर बीजेपी के साथ नहीं है, लेकिन इसका असर गठबंधन पर नहीं पड़ेगा।
जेडीयू में गहराया असंतोष
जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी भले ही यह कहें कि गठबंधन पर फैसले का असर नहीं पड़ेगा, लेकिन पार्टी में इसे लेकर असंतोष दिखने लगा है। जेडीयू नेता व बिहार सरकार में मंत्री श्याम रजक ने इस फैसले को लोकतंत्र की हत्या बताया है। जेडीयू के डॉ. अजय आलोक ने मुख्यमंत्री व पार्टी सुप्रीमो नीतीश कुमार से अपील की है कि वे पार्टी के पूर्व के स्टैंड पर विचार करें। देश और बिहार की जनता तथा जम्मू कश्मीर और लद्दाख़ की जनता की भावनाओं का सम्मान सर्वोपरि हैं। इसे ध्यान में रखते हुए कोई निर्णय लिया जाए।