बॉलीवुड के पहले चार्मिंग डूड रहे एक्टर शशि कपूर अब नहीं रहे। बपने जमाने के इस लोकप्रिय रोमांटिक हीरो के निधन से देशभर की तरह बिहार में भी शोक की लहर है। बिहार के आम से लेकर खास तक सभी लोग शोक व्यक्त कर रहे हैं।
शशि कपूर का आज मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में निधन हो गया। वे 79 साल के थे। बॉलीवुड में शशि कपूर को ऐसे अभिनेता के तौर पर शुमार किया जाता है, जिन्होंने अपने रोमांटिक अदाकारी के जरिये तीन दशक से अधिक समय तक सिल्वर स्क्रीन पर राज किया। उनके निधन के साथ सिनेमा के एक युग का अवसान हो गया है।
शशि कपूर की जबरदस्त फैन त पटना के कुर्जी की रहने वाली सेवानिवृत्त शिक्षिका अनुपमा सिंह कहती हैं कि बचपन में वे शशि कपूर की कोई फिल्म देखना नहीं छोड़ती थीं। वे बताती हैं कि शशि कपूर उस जमाने में लड़कियों के बीच अपनी खास मुस्कान के लिए जाने जाते थे। मुजफ्फरपुर के बैंककर्मी रंजीत कुमार को आज भी याद है कि कैसे उन्होंने घरवालों को झूठ बोलकर ‘सत्यम शिवम सुन्दरम’ फिल्म देखी थी। इसे शशि कपूर की यादगार फिल्म बताते हुए वे कहते हैं कि आज के दौर के अभिनेताओं में वो बात कहां है। उनकी कमी तो हमेशा खलेगी।
पूर्वी चंपारण के अरेराज में भारतीय जीवन बीमा निेगम शाखा के प्रबंधक कौशल किशोर शशि कपूर के बारे में लाइव एनसाइक्लोपीडिया से कम नजहीं। बताते हैं कि पृथ्वीराज कपूर व रामशरणी कपूर के सबसे छोटे बेटे शशि कपूर के बचपन का नाम बलबीर राज कपूर था। दोनों बड़े भाई राजकपूर और शम्मी कपूर भी जाने-माने एक्टर रहे हैं। शशि ने एक्टिंग की शुरूआत 1944 में पिता पृथ्वीराज कपूर के पृथ्वी थिएटर के नाटक ‘शकुंतला’ से की। कहते हैं कि शशि न होते ताे शायद अमिताभ बच्चन वो न होते जो आज हैं।