यूरोपियन देशों से शैक्षणिक आदान-प्रदान के लिए तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय(टीएमबीयू) का सुंदरवती महिला कॉलेज(SMC) में ऑफिस ऑफ इंटरनेशनल रिलेशन केंद्र खुल रहा है। अगले दस दिनों में इस पर काम शुरू हो जाएगा। यह सूबे का दूसरा केन्द्र होगा। इसके साथ ही एसएम कॉलेज के शिक्षक और छात्र यूरोपियन कमीशन के अंतर्गत आने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों के सीधे संपर्क में आ जाएंगे। शोध को बढ़वा मिलेगा। यूरोपियन हाईकमीशन की योजना (इरास्मस प्लस) का लाभ पूर्व बिहार,कोसी,सीमांचल के छात्रों और शिक्षकों को मिलेगा।
इरास्मस प्लस स्कीम शिक्षा, युवा गतिविधि और खेल को बढ़ावा देने के लिए ग्रांट देती है। इससे न सिर्फ शैक्षणिक बल्कि संकाय आदान प्रदान की प्रक्रिया भी अपनायी जाएगी। यानि यहां के छात्रों को ऑन लाइन भी पढ़ाई की व्यवस्था यूरोपियन कमीशन के प्रोफेसर के द्वारा कराया जाएगा। इरास्मस प्लस में चयनित छात्रा और शिक्षकों को आगे दो माह से छह माह का फेलोशिप करने का मौका भी यूरोपियन देशों के उच्च शिक्षण संस्थानों में मिलेगा। इसके लिए सारी सुविधा पढ़ाई से लेकर रहने और खाने की व्यवस्था भी यूरोपियन कमीशन के द्वारा ही दिया जाएगा।
कालेज की प्राचार्या डॉ. अर्चना ठाकुर ने बताया कि यह महाविद्यालय के लिए गौरव की बात है। टीएमबीयू अंतर्गत यह पहला केंद्र होगा। इसके लिए जल्द ही केंद्र स्थापित कर लिया जाएगा। जानकारी हो कि पूर्व बिहार, कोसी, सीमांचल के छात्र एसएम कॉलेज में पढ़ाई के लिए एसएम कॉलेज आते है। ऐसे में इन इलाकों के छात्रों को भी इससे काफी फायदा मिलेगा।
शोध के विषयों की देनी होगी जानकारी
इंटरनेशल रिलेशन केंद्र के बारे में जानकारी देते हुए बीसीए के इंचार्ज प्रो. चंदन कुमार ने बताया कि इरास्मस प्लस स्कीम के तहत एसएम कॉलेज के छात्र किसी भी तरह का शोध करना चाहते है तो उन्हें यूरोपियन कमीशन ग्रांट देगा। इसके लिए ऑन लाइन उनके प्रोजेक्ट की डिटेल भेजी जाएगी। साथ ही शोध के बारे में बताना होगा। इंटरनेशनल रिलेशन केंद्र से एसएम कॉलेज में पढ़ाये जाने वाले सभी विषयों को जोड़ा जाएगा।
2016 में हुआ था कांफ्रेंस
प्रो.चंदन कुमार ने बताया कि यूरोपियन हाई कमीशन के अधिकारियों ने 2016 में बिहार एचआरडी के अधिकारियों के साथ शैक्षणिक आदान प्रदान पर सहमति बनायी थी। इसमें राज्य के सभी विवि से अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिलाया गया था। पटना के एएन कॉलेज में यह केंद्र चल रहा है। टीएमबीयू के भी कई कॉलेज कार्यशाला में शामिल हुए थे। मगर पहली बार एसएम कॉलेज में इसकी शुरूआत हो रही है।