पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों के बीच मौजूद तनाव के मद्देनजर भारत के किसी भी आक्रामण या दुस्साहस का निर्णायक और व्यापक रूप से जवाब देने का अपनी सेना को बृहस्पतिवार को अधिकार दिया। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे। पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी हमले के कुछ दिनों बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि इस कायरतापूर्ण कृत्य का बदला लेने के लिए सुरक्षा बलों को पूरी छूट दी गई है।
खान ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें देश की सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार अपने लोगों की रक्षा करने में सक्षम है। बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया है, ”उन्होंने भारत के किसी भी आक्रामण या दुस्साहस का निर्णायक और व्यापक रूप से जवाब देने के लिए सशस्त्र बलों को अधिकृत किया है।
रेडियो पाकिस्तान ने खान के हवाले से बताया, ”यह एक नया पाकिस्तान है और हम अपने लोगों को यह दिखाने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि मुल्क उनकी रक्षा करने में सक्षम है। बयान के अनुसार, ”देश के शीर्ष असैन्य और सैन्य नेतृत्व ने कहा है, ”पाकिस्तान पुलवामा घटना में किसी भी तरह से शामिल नहीं है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान ने पूरी ईमानदारी के साथ ”घटना की जांच कराने और आतंकवाद समेत भारत के साथ अन्य विवादित मुद्दों पर बातचीत करने की पेशकश की है। इसमें कहा गया है, ”हम इन पेशकश पर भारत से सकारात्मक जवाब की उम्मीद करते हैं। इसमें कहा गया है कि जांच के आधार पर या कोई भी ठोस सबूत उपलब्ध कराया जाता है तो पाकिस्तान उस किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करेगा जिसने इस कृत्य के लिए उसकी सरजमीं का इस्तेमाल किया होगा।
एनएससी ने कश्मीर मुद्दे के समाधान में वैश्विक समुदाय से अपनी भूमिका निभाने का आग्रह किया। खान ने मंगलवार (19 फरवरी) को एक वीडियो संदेश में भारत को आश्वासन दिया था कि यदि नई दिल्ली ”कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी साझा करता है तो वह पुलवामा आतंकवादी हमले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा लेकिन उन्होंने साथ ही चेतावनी दी थी कि यदि कोई भी कार्रवाई की गई तो पाकिस्तान उसके खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा।