भारत सरकार ने मोटर व्हीकल्स को लेकर बनाए गए कुछ नियमों में संशोधन करने का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव के तहत 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों को बंद किए जाने का प्रावधान भी शामिल है। इन प्रस्तावित संशोधनों का उद्देश्य देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने से है। कारदेखो डॉट कॉम के मुताबिक इस प्रस्ताव में 15 या उससे ज्यादा साल पुराने वाहनों को एक साल के बजाए अब हर 6 महीने में फिटनेस सर्टिफिकेट के रिन्यूअल के लिए आवेदन करने की बात कही गई है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अपनी ओर से एक बयान जारी कर कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने, बसों में दिव्यांगो के लिए सुविधाएं सुनिश्चित करने और 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को हटाने के लिए सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन का मसौदा तैयार कर रही है। इसके लिए सरकार ने एक अधिसूचना भी जारी कर दी है।
इसके अलावा 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट की रिन्यूअल फीस में भी इजाफा कर दिया गया है। अब इसके लिए मैनुअल गियरबॉक्स वाले वाहनों से 1200 रुपये जबकि मीडियम और हैवी व्हीकल की कैटेगरी में आने वाले ऑटोमैटिक गियरबॉक्स से लैस वाहनों से 2000 रुपये तक वसूले जाएंगे। रजिस्ट्रेशन नंबर जारी करने एवं उनके रिन्यूअल के लिए वसूली जाने वाली फीस को भी बढ़ा दिया गया है।
ऐसे में अब नए मीडियम और हैवी गुड्स या पैसेंजर व्हीकल के लिए 20,000 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस के तौर पर देने होंगे। वहीं रजिस्ट्रेशन की रिन्यूअल फीस को 40,000 रुपये कर दिया गया है। इसी तरह इंपोर्टेड वाहनों के लिए रजिस्ट्रेशन फीस 20,000 रुपये कर दी गई है। वहीं इनके रजिस्ट्रेशन के रिन्यूअल के लिए अब 40,000 रुपये तक भरने होंगे।