चुनाव आयोग अब सख्त हो गया है. आयोग ने एक बड़ा कदम उठाया है. जिसके बाद यह कहा जा रहा है कि दागी नेताओं का चुनाव लड़ना मुश्किल हो सकता है. बता दें कि चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से अपराधियों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की है. अपने हलफनामे में आयोग ने कहा है कि वह इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज चुका है. आयोग के मुताबिक- ऐसे लोगों को चुनाव लड़ने से रोका जाना चाहिए जो ऐसे किसी केस में आरोपी हों जिसमें पांच साल तक की सजा हो सकती है, और जिन पर कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हों. एक शर्त यह भी है कि केस चुनाव से 6 महीने पहले दर्ज हुआ हो.

राजनीति के अपराधीकरण को रोकने के लिए कानून बनाए जाने की मांग को लेकर कोर्ट में दायर पिटीशन का EC ने जवाब दिया. इस मामले की सुनवाई सोमवार को होनी है. सुनवाई चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच कर रही है. SC में दाखिल हलफनामे में चुनाव आयोग ने कहा कि आयोग केंद्र को पहले ही प्रस्ताव भेज कर राजनीतिक अपराधीकरण को रोकने की सिफारिशें कर चुका है.

आयोग के मुताबिक राजनीतिक अपराधीकरण को रोकने के लिए कानून में परिवर्तन करने की जरूरत है, लेकिन इतने अधिकार उनके पास नहीं है। EC के पास पार्टियों के रजिस्ट्रेशन को खत्म करने संबंधी भी अधिकार नहीं हैं. कोर्ट द्वारा किसी अपराधी दोषी ठहराए जाने के बाद उसके चुनाव लड़ने पर 5 साल तक रोक लगानी चाहिए. अगर किसी पर चुनाव के 6 माह पहले तक कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज हो जाता है तो उसे चुनाव लड़ने से रोका जाए. पार्टियों के रजिस्ट्रेशन खत्म करने का अधिकार भी चुनाव आयोग को दिया जाए.
इनपुट:DBC

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