भागलपुर: जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में गंभीर मरीज हो या सामान्य, चिकित्सक अपने तरीके से ही उसका इलाज करते हैं। बेशक मरीज की सेहत बिगड़ जाए लेकिन चिकित्सक की सेहत पर इसका कोई असर नहीं पड़ता। सोमवार की रात एक मरीज के साथ ऐसा ही हुआ। उसे गंदगी और शौचालय के पास छोड़ दिया जबकि उसे श्वांस लेने में परेशानी थी। बांका जिले के कंझया निवासी रामस्वरूप प्रसाद को श्वांस लेने में परेशानी थी। परिजन राम स्वरूप को लेकर जेएलएनएमसीएच पहुंचे।
इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक ने बेहतर इलाज करने की बजाय इमरजेंसी के गलियारे में शौचालय के बाहर स्ट्रेचर पर लिटा दिया। ऐसे में पहले से श्वांस बीमारी से परेशान राम स्वरूप की परेशानी और बढ़ गई। चिकित्सक ने स्लाइन चढ़ाया लेकिन स्टैंड देना भूल गया। मरीज के पुत्र सचिन हाथ में स्लाइन का बोतल लेकर खड़ा रहा। शौचालय और बेड के पास रखे खुले डस्टबीन से आर रहे दुर्गध से मरीज की परेशानी और बढ़ गई।
रामस्वरूप को श्वांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उसे स्वच्छ हवा की जरूरत थी। लेकिन हवा न मिलकर दुर्गध और गंदगी के बीच छोड़ दिया गया। मरीज के परिजन बार-बार नर्स और चिकित्सक से गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी।
बेड के लिए परिजन बार-बार गुहार लगाते रहे लेकिन बेड खाली नहीं होने का हवाला देकर सभी ने उसकी गुहार को अनसुना कर दिया। जबकि गंदगी के पास मरीज को संक्रमण का पूरा खतरा बना हुआ था। इसके बाद भी बड़ी लापरवाही बरती गई।
इनपुट:JMB