एक तरफ जहां पाकिस्तान कश्मीर को लेकर किये फैसले से नाखुश हैं तो वहीं दूसरी तरफ उसी मुल्क की नोबेल पुरस्कार प्राप्त सामाजिक कार्यकर्ता मलाला युसुफजई ने भारत सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है। मलाला ने ट्वीट कर कहा, ‘हर किसी को अमन और चैन की जिंदगी जीने का अधिकार है।’
मलाला ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘कश्मीर कई पीढ़ियों से बदहाल है। वह बचपन से कश्मीर की ये बदहाली देख रही हैं और ये हालात उस वक्त भी थे, जब उनके माता-पिता छोटे थे। उनके दादा जब जवान थे, तब भी कश्मीरी लोग मुश्किलों में जी रहे थे। अब उन्हें और कष्ट झेलने की जरूरत नहीं है।’ मलाला के इस ट्वीट का ये मतलब निकाला जा रहा है कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 समाप्त होने के बाद वहां खुशहाली, अमन-चैन और विकास की उम्मीद जताई है।
मालूम हो कि भारत ने सोमवार (05-अगस्त-2019) को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को खत्म कर विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया है। इसके बाद से पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है।
इस मसले को पाकिस्तान लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर गलत तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहा है और मदद की भीख मांग रहा है। हांलाकि उसे हर जगह से नाकामी मिल रही है।
बौखलाहट में पाकिस्तान ने भारत से राजनयिक और व्यापारिक संबंध खत्म करने की घोषणा कर दी है। अपने हवाई क्षेत्र (Air Space) को आंशिक तौर पर प्रतिबंधित कर दिया है।
भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस का संचालन भी निलंबित कर दिया है। वहीं भारत में भी कुछ विपक्षी दल और जम्मू-कश्मीर के स्थानीय नेता पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं।
ऐसे में पाकिस्तान को उन्हीं के देश की नोबेल पुरस्कार विजेता 22 वर्षीय मलाला युसुफजई ने आईना दिखाने का काम किया है। मलाला ने ट्वीट कर अनुच्छेद-370 पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने इस मसले पर भारत के फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने ट्वीट कर दक्षिण एशिया के सभी देशों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि वह हमेशा से जम्मू-कश्मीर की आवाम खासकर महिलाओं और बच्चों को लेकर चिंतित रही हैं, क्योंकि उन्होंने सबसे ज्यादा हिंसा झेली है। पिछले 70 साल से वहां के लोग बदहाली में जी रहे हैं।
उनका कोई विकास नहीं हुआ। मलाला ने अपने ट्वीट में लिखा है कि दक्षिण एशिया उनका घर है, जिसे वह 1.8 अरब आबादी के साथ साझा करती हैं। इसलिए इस एरिया में किसी भी तरह की अशांति उन्हें परेशान करती है।
कश्मीर का एक अलग रंग, अलग संस्कृति, भाषा और जीवनशैली है। उन्हें भी अमन और चैन से जीने का अधिकार है।