भारत सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के फैसले से पाकिस्तान बौखला गया है. जबकि आज तो गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में यह भी कह दिया है कश्मीर कहने का मतलब POK भी है. उन्होंने POK को भी भारत के अभिन्न अंग बताया है. उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि वो कश्मीर के लिए अपनी जा’न तक देने को तैयार है.
उसके बाद तो हमेशा वि’श्वा’स’घा’त करने वाले पाकिस्तान का बौखलाना लाजमी है. इसी बौखलाहट का असर है कि पाकिस्तान ने गीदड़ भवकियां देना शुरू कर दिया है. शायद पाकिस्तान को यह अंदाजा हो गया POK भी उनके हाथ से छीन जाएगा. जो वास्तव में भारत का ही अंग है. इसी डर सर पाकिस्तान ने भारत को युद्द की धमकी दी है.
पाकिस्तान ने कहा है कि भारत, पाकिस्तान को फिलिस्तीन बनाने की कोशिश कर रहा है. इमरान खान सरकार के मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि संसद में बेकार के विषयों पर उलझने के बजाय हमें भारत का जवाब खू’न, आं’सू और पसीने से देना होगा. हमें जंग के लिए तैयार रहना होगा.
इतना ही नहीं ताजा कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की सरकार और वहां की राजनीतिक पार्टियों में भी इतनी बौखलाहट है. उन पार्टियों ने अपने प्रधानमंत्री इमरान खान को आड़े हाथ हाथों लेने शुरू कर दिया है.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने इमरान खान को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा, ‘अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर के मुद्दे पर मध्यस्थता की बात करके इमरान खान को मूर्ख बनाया और यह अनुमान नहीं लगा पाए कि भारत क्या योजना बना रहा है.’
पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉक्टर आरिफ अल्वी ने देश की संसद में संयुक्त सत्र का आह्वान किया. यह संयुक्त सत्र 7 अगस्त को बुलाया जाएगा. इस बैठक में कश्मीर में बदले हालात पर चर्चा की जाएगी. पाक सुरक्षा बलों के प्रमुख भी इस बैठक में शामिल होंगे.
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, कश्मीर विवाद के दूसरे पक्ष के रूप में पाकिस्तान आर्टिकल 370 को खत्म करने वाले भारत के इस फैसले को काउंटर करने के लिए हर संभव कानूनी कदम उठाएगा. पाकिस्तान कश्मीर को लेकर अपने संकल्प पर आज भी कायम है. कश्मीर के राजनीतिक, लोकतांत्रिक और नैतिक विकास के लिए हम लड़ते रहेंगे.’
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के चेयरमैन और नेता विपक्ष शहबाज शरीफ ने मोदी सरकार के इस फैसले को संयुक्त राष्ट्र संघ के खिलाफ करार दिया है. शहबाज ने कहा, ‘कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म करना असंवैधानिक है. ये संयुक्त राष्ट्र के प्रति ‘एक तरह से राजद्रोह’ है, जिसे किसी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता.’