वैवाहिक संबंध में तनाव या पारिवारिक विवाद नहीं, बल्कि मानसिक बीमारी थी बक्सर के डीएम मुकेश पांडेय की सुसाइड के पीछे की वजह। एेसा उनके सुसाइड नोट के पढ़ने से पता चलता है, इसी वजह से मुकेश ने ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली थी। उनकी मौत के बाद पहली बार मीडिया से रूबरू होते हुए उनके ससुर राकेश प्रसाद सिंह ने ये खुलासा किया।
उनके ससुर राकेश प्रसाद सिंह ने तीस साल के अपने दामाद के ग्यारह पन्ने के सुसाइड नोट से इसका खुलासा किया है। उन्होंने अपने घर में मीडिया को संबोधित करते हुए सुसाइड नोट को पढ़ा जिसमें मुकेश ने लिखा था कि मैं एक आइएएस अॉफिसर हूं, मैं शादीशुदा हूं और एक अच्छी फैमिली है। मैं बक्सर के डीएम के पद पर कार्यरत हूं, एेसे में मैं क्यों आत्महत्या करूंगा?
मुकेश ने आगे लिखा है कि मैंने जान लिया है कि जीवन में सुखी होना उसके लिए रिश्ते नाते तमाम तरह के बंधन जो जिंदगी भर चलते रहते हैं। जन्म, पढ़ाई, नौकरी, शादी, बच्चे फिर बच्चों की पढ़ाई, उनकी नौकरी की चिंता, रिटायरमेंट फिर मौत ये एक चक्र की तरह चलता रहता है। इसके पीछे एक ही सच्चाई है कि जिसने जन्म लिया है उसकी मौत तय है।
इसीलिए जीवन की इन तमाम उलझनों को सुलझाते हुए जल्द ही मौत को स्वीकर कर लेना चाहिए। 2012 बैच के इस आइएएस की डेडबॉडी 10 अगस्त को दो टुकड़ों में कटी हुई गाजियाबाद के रेलवे ट्रैक से बरामद हुई थी। उनके पास से सुसाइड नोट बरामद हुआ था जिसमें लिखा था कि वो सुसाइड करने दिल्ली आए थे।
मुकेश के ससुर ने बताया कि सुसाइड करने से पहले वे रक्षाबंधन के दिन घर आए थे जिसका वीडियो मौजूद है, जिसमें वो एक बच्चे की तरह नाच रहे हैं। इस आयोजन पर शूट किया गया चार मिनट का वीडियो क्लिप दिखाया जिसमें मुकेश नाच रहे हैं गा रहे हैं। मुकेश अमिताभ बच्चन के खुद्दार फिल्म का गाना-मच गया शोर सारी नगरी रे गाकर नाच रहे हैं। उनकी तीन महीने की बेटी उनकी पत्नी के पास सो रही है और मुकेश उसके लिए नाच रहे हैं।
राकेश प्रसाद सिंह ने कहा कि वो एक अच्छा इंसान था लेकिन नहीं पता था कि वो इस तरह की फिलॉसफी जानता है, जैसा उसने अपने सुसाइड नोट में लिखा है। वो मानसिक बीमारी से पीड़ित था एेसा हम नहीं जानते थे। अगर पता होता तो उसका बेहतर इलाज करवाते। उसने मौत की प्लानिंग की और इस तरह प्लान कर मौत को गले लगा लिया। ये दुखद है।